दादा-दादी और नाना-नानी के महत्व पर निबंध Essay on Grandparents in Hindi

दादा-दादी और नाना-नानी के महत्व पर निबंध Essay on Grandparents in Hindi

दादा-दादी हो या नाना-नानी (Essay on Grandparents in Hindi) बच्चे उन्हें बहुत प्यार करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह अपने बच्चों से लेकर अपने पोता-पोती सबके साथ अच्छा समय बिताते हैं। ज्यादातर दादा-दादी तो अपने पोते-पोतियों को कहानियां भी सुनानाते हैं।

Table of Content

जीवन में दादा-दादी का महत्व निबंध Essay on Importance of Grandparents in Hindi

दादा-दादी पर निबंध 1.

कहते हैं बच्चे की सबसे पहली पाठशाला उसका घर होता हैं और उसके अध्यापक घर के बड़े बुजुर्ग। खेल-खेल में हम अपने दादा-दादी से इतना कुछ सीख लेते हैं जिसका एहसास हमें बड़े होने पर होता हैं।

दादा-दादी के पास अनेकों अच्छी-अच्छी कहानियाँ व कविताएँ होती हैं जिनमें बहुत सारा ज्ञान और जीवन को सफलतापूर्वक जीने का संदेश छुपा होता है। ये अपने ज्ञान और अनुभव को कहानियों के माध्यम से इतने रोचक ढंग से बच्चों के सामने प्रस्तुत करते है कि बच्चे भी उन्हें बड़े चाव से सुनते हैं।

आज के आधुनिक जमाने में बच्चों की सोच और उनका बड़ों के प्रति प्यार कहीं खोता जा रहा हैं लेकिन इसके पीछे के जिम्मेदार हम खुद ही हैं। अगर आप बच्चों के सिर पर संस्कारों व विचारों की गठरी बाँध कर रख देंगे तो जाहिर है बच्चे इस को सहन नहीं कर पाएंगे।

दादा-दादी और पोता-पोती का अटूट रिश्ता होता है। इस रिश्ते से कई भावनात्मक भावनाएँ जुड़ीं रहती हैं। इनके बीच का प्रेम और बंधन काफी मजबूत होता है। पहले बच्चों को अपने दादा दादी के साथ समय बिताने के लिए काफी समय मिलता था परन्तु आज के जमाने मे बहुत से ऐसे परिवार होते है, जो अपने माँ बाप से अलग रहते हैं, जिस वजह से उनके बच्चों को अपने दादा दादी के साथ समय बिताने को नहीं मिलता है।

इसका सबसे मुख्य कारण यह है कि आजकल के बच्चे दादा दादी के पास बैठने के बजाय अपने वीडियो गेम या गैजेट से खेलना ज्यादा पसंद करते हैं, इन्हीं सब चीजों में उनका मोह बंध कर रह गया है।

दादा-दादी और नाना-नानी के महत्व पर निबंध 2

हम भारत देश में रहते हैं और हम सभी यह जानते हैं कि अपने इस खूबसूरत देश में हम कैसे रिश्तो को संजो कर रखते हैं। रिश्तो का बहुत मान रखते हैं और हमारे देश की संस्कृति यही कहती है।

सोचिए अगर मनुष्य बिल्कुल अकेला हो, घर-परिवार ना हो बड़े बुजुर्ग ना हो सगे संबंधी ना हो कोई दुख सुख पूछने वाला ना हो तो, क्या मनुष्य जी पाएगा? जीवन कितना रंगहीन होगा, सोचिए जरा ! बस इसी कारणवश हमारे भारत में मान्यता है प्रथा है रिश्तो को सँवार कर रखने की।

चाहे कोई भी रिश्ता हो , मां बाप बेटे बेटी भाई बहन दादा दादी नाना नानी, सभी के बीच, सभी के साथ प्रेम स्नेह का संबंध रहता है और अगर हम बात करें दादा दादी नाना नानी मतलब बड़े बुजुर्गों की, तो उनसे तो हमें कितना प्रेम मिलता है इसका तो हम मोल भी नहीं लगा सकते हैं, ना ही इनका प्रेम सीमित होता है। बड़े बुजुर्ग हमेशा बिना किसी बंधन में बंध कर प्यार लुटाते हैं, बुजुर्गों की दृष्टि हमेशा आशीर्वाद वाली ही रहती है।

हमेशा अपने नाती पोतो से प्यार ही करते हैं, अटूट प्यार चाहे बच्चे कितने ही बड़े क्यों ना हो जाए। हमारे तो मां-बाप हमसे कितना प्रेम कितनी मोहब्बत करते हैं, तो फिर सोचिए हमारे माता-पिता के भी माता-पिता हमसे कितना प्रेम करेंगे और कितना प्रेमभाव होगा, यह तो कोई पूछने वाली बात ही नहीं है। बड़े बुजुर्गों के होठों पर, जबान पर तो हमेशा बच्चों के लिए प्रार्थना और दुआ ही रहती है।

सदा ही कृपा का भाव रहता है और उनकी दुआओं एवं प्रार्थनाओं से ही हमारे जीवन के सभी काम बनते हैं, हमें शायद इस चीज का एहसास ना हो क्योंकि आज की आधुनिक दौड़ भाग वाली जिंदगी में हम सब यह दिव्य भाव भूल चुके हैं।

आपके भी जीवन में ऐसे लमहे आए होंगे, सभी की जिंदगी में आते हैं। बस तो समझ लीजिए यह सब बुजुर्गों की दी हुई दुआओं का असर ही होता है, प्रार्थना का जादू ही होता है कि मुश्किल से मुश्किल परेशानी भी हल हो जाती है, सबसे ज्यादा तकलीफ के वक्त में भी हिम्मत आ जाती है।

दादा-दादी नाना-नानी इन शब्दों में ही राहत का भाव है। अपने हिंदुस्तान में तो बहुत पुरानी संस्कृति है, जो कि हर भारतीय के दिल में बसी हुई है।

हमारे बचपन में हम सभी को अवश्य याद ही होगा नानी के घर जाया करते थे, और अगर दादी दूर रहती थी तो दादी के घर भी। वहां जाकर नित नए व्यंजनों का स्वाद सकते थे, खूब मजेदार स्वादिष्ट खाना खाया करते थे और फिर अगली बार जब भी दादी नानी के घर जाया करते थे, तो वह कहा करती थी कि कितने कमजोर, कितने दुबले हो गए हो, कुछ खाते नहीं हो क्या?

वह बचपन के दिन अभी भी सबको याद आते होंगे, बहुत ही सुंदर था वह वक्त, परंतु दुखद बात यह है कि वह अनमोल समय कभी वापस नहीं आएगा।  परंतु आज का जो समय है वह तो और भी अत्यंत दुखदाई है, क्यों है, ऐसा क्यों कहा जा रहा है?

चाहे कितना ही वक्त के साथ रिश्तो पर धूल आ जाए, हम बड़े बुजुर्गों के अस्तित्व को कितना ही नकार ले उन्हें नजरअंदाज करे, पर सच बात तो यही है कि दादा दादी नाना नानी फिर भी बच्चों से अत्यंत प्रेम का भाव ही रखते हैं, उनके दिलों में हमारी तस्वीर रहती है, उनके होंठ हमेशा ही बच्चों के लिए दुआएं प्रार्थनाएं करते रहते हैं और उन प्रार्थनाओं का कोई मोल नहीं है।

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Essay on Grandparents : अपने दादा-दादी के लिए ऐसे लिखें सरल शब्दों में निबंध

essay on respecting grandparents in hindi

  • Updated on  
  • सितम्बर 7, 2024

Essay on Grandparents in Hindi

कुछ ही दिनों में दादा- दादी नाना- नानी दिवस मनाया जायेगा। हर साल सितंबर के दूसरे रविवार को दादा दादी दिवस मनाया जाता है। इस साल 2024 में यह दिन 8 सितंबर को मनाया जाएगा। दादा- दादी पर निबंध स्टूडेंट्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। अक्सर स्टूडेंट्स से दादा दादी पर निबंध यानि Essay on Grandparents in Hindi बतौर असाइनमेंट, होमवर्क और प्रॉजेक्ट पूछ लिया जाता है। Essay on Grandparents in Hindi परीक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह अक्सर पूछ लिया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें 100, 200 और 500 शब्दों में दादा दादी पर निबंध। 

This Blog Includes:

दादा-दादी पर 100 शब्दों में निबंध, दादा-दादी पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , दादा-दादी के साथ बचपन , निष्कर्ष , दादा दादी पर 10 लाइन्स .

दादा-दादी पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Grandparents in Hindi) इस प्रकार है :   

दादा-दादी परिवार की महत्वपूर्ण धरोहर होते हैं। वे हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं, जो अपने अनुभवों से हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाते हैं। दादा-दादी न केवल हमें संस्कार और मूल्य सिखाते हैं, बल्कि वे हमारे जीवन में प्रेम, स्नेह, और मार्गदर्शन का स्रोत होते हैं। उनकी कहानियाँ हमें प्रेरित करती हैं और हमें जीवन की सच्चाइयों से अवगत कराती हैं। उनके साथ बिताया समय अनमोल होता है और उनकी उपस्थिति परिवार में खुशियों का संचार करती है। दादा-दादी का स्नेह भरा आशीर्वाद हमें जीवन में सदैव सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

यह भी पढ़ें : Grandparents Day Speech : ग्रैंडपैरेंट्स डे पर ऐसे तैयार करें प्रेरणादायक भाषण

दादा-दादी पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Grandparents in Hindi) इस प्रकार है :   

दादा -दादी, नाना-नानी के साथ बिताया हुआ समय अत्यंत खास होता है। वे हमारे साथ समय बिताकर हमें नए तरीके से सोचने की क्षमता प्रदान करते हैं। हमारे दादा- दादी और नाना-नानी हमारे साथ खेलते हैं, कहानियाँ सुनाते हैं और हमारे साथ अपने अनुभवों को साझा करते हैं। उनके साथ बिताया हुआ वक्त हमारे जीवन के सुखद और यादगार होते हैं।

दादा-दादी ईश्वर के ऐसे आशीर्वाद हैं जिनकी पूर्ति नहीं की जा सकती। वे हमेशा अपने बच्चों और पोते-पोतियों की देखभाल करते रहते हैं। जैसे-जैसे समय विकसित हो रहा है, लोग अपनी परंपरा से दूर होते जा रहे हैं। इसी तरह, लोग दादा-दादी के महत्व को नहीं समझ रहे हैं। इसलिए हार साल हमारे जीवन में उनके महत्व को समझाने के लिए दादा-दादी दिवस मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें : Grandparents Day Kab Aata Hai : 2024 में इस दिन मनाया जाएगा ग्रैंड पेरेंट्स डे

दादा-दादी पर 500 शब्दों में निबंध

दादा-दादी पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Grandparents in Hindi) इस प्रकार है :   

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे हमारे परिपर्णी होते हैं और हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। दादी-नानी और दादा-नाना के साथ बिताया हुआ समय अद्वितीय और यादगार होता है।

दादी-नानी के साथ वक्त बिताने का अनुभव बेहद खास होता है। वे हमारे जीवन के अहम हिस्से होते हैं और हमें अपने आदर्शों और मूल्यों का पालन करने की शिक्षा देते हैं। उनके साथ वक्त बिताने से हम अधिक समझदार बनते हैं और जीवन के प्रति जागरूक होते हैं। वे हमारी मानसिकता को सुधारने में मदद करते हैं और हमारी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में सहायक होते हैं।

दादी-नानी हमारे साथ खेलने और कहानियाँ सुनाने का अवसर प्रदान करती हैं। वे हमारे साथ समय बिताने के लिए उत्सुक होती हैं और हमें अपने अनुभवों का साझा करने का मौका देती हैं। इसके अलावा, वे हमें गर्मागरम खाने का स्वाद भी दिलाती हैं और हमारे लिए अपनी ममता से सब कुछ बनाकर पेश करती हैं।

दादी-नानी के साथ वक्त बिताने से हम अपने संस्कृति और परंपराओं को भी सीखते हैं। वे हमें अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण घटनाओं और इतिहास के बारे में बताते हैं, जिससे हम अपने धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को भी बढ़ाते हैं।

दादा-नाना भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें अपने अनुभवों से जीवन के मूल्यों का महत्व सिखाते हैं। उनके साथ वक्त बिताने से हम उनकी संजीवनी सलाहों का भी उपयोग करते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों को सिखने का अवसर प्राप्त करते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन के अमूल्य रत्न हैं, जो हमें अपनी ममता, समझदारी और प्यार से निभाते हैं। वे हमारे लिए आदर्श होते हैं और हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। यह एक अद्वितीय संबंध होता है जिसमें हमारे दादी-नानी और दादा-नाना हमारे लिए एक बड़ी परिपर्णता का भाग बनते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना के साथ वक्त बिताने से हमारे जीवन में एक साथी की भावना बनती है। वे हमें अपने सफलता और असफलता के किस्से सुनाकर जीवन की महत्वपूर्ण सिखें देते हैं। दादी-नानी और दादा-नाना के साथ वक्त बिताने से हम अपनी परंपराओं और धर्म के प्रति भी आदर्श बनते हैं। वे हमें अपने धार्मिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों का महत्व सिखाते हैं और हमारे लिए आदर्श बनते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। उनका साथ हमारे लिए अद्वितीय होता है और हम उनके साथ बिताए गए समय को सर्वोत्तम तरीके से समझते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं, जो हमें आदर्श बनाते हैं। वह हमारे जीवन में प्यार और समझदारी प्रदान करते हैं और हमे संस्कृति और परंपराओं का पालन कराते हैं। वे हमारे जीवन को सुंदरता और गहराई से भर देते हैं और हमारे लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहेंगे।

यह भी पढ़ें : Dada Dadi Shayari: पढ़िए दादा-दादी के प्रेम पर आधारित बेस्ट शायरी, जिन्हें आप इस ग्रैंडपैरेंट्स डे पर अपने दादी-दादा को समर्पित कर सकते हैं

दादा  दादी पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • दादा और दादी हमारे परिवार के पुराने सदस्य होते हैं और हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
  • दादा और दादी हमें अपने अनुभव और ज्ञान से भरपूर उपदेश देते हैं जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं।
  • उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानियां हमें जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं।
  • दादा और दादी हमारे साथ खेलने, मनोरंजन करने और विचार-विमर्श करने के लिए समय बिताते हैं।
  • उनकी ममता और प्यार हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं और हमें सुरक्षित और प्रेम से महसूस कराते हैं।
  • दादा-दादी के साथ बिताया हुआ समय हमारे लिए यादगार होता है और हमें उनकी शीख और सलाह का सम्मान करना चाहिए।
  • वे हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पालन कराते हैं और हमें सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व महसूस कराते हैं।
  • उनकी सर्वस्व से बनाई गई खाने की स्वादिष्टता हमें याद रहती है और हमें घर की याद दिलाती है।
  • दादा और दादी हमें अपनी कहानियों से रोमांचित करते हैं और हमें उनके साथ हंसी-मजाक करने का मौका मिलता है।
  • हमारे जीवन में दादा और दादी हमारे लिए अद्वितीय होते हैं, और हमें उनके साथ बिताया हुआ समय का सदुपयोग करना चाहिए।

यह दिवस इस साल 2023 में 10 सितंबर के दिन मनाया जाएगा। 

दादा दादी हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। उनका महत्व उनके अनुभव, ज्ञान, और प्यार में होता है, जो हमें सबसे अच्छी तरीके से गुड़ समझने और जीवन की महत्वपूर्ण सीखें देते हैं।

दादा दादी के साथ समय बिताने का सरल तरीका है कि आप उनके साथ कहानियों सुनें, उनके साथ खेलें, और उनके साथ उनके अनुभवों को साझा करें। आप उनसे उनके जीवन के बारे में बात करके उनकी सलाह और ज्ञान का सम्मान कर सकते हैं।

दादा दादी से हम कई चीजें सीख सकते हैं, जैसे कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का महत्व, सफलता के लिए कठिनाइयों का सामना कैसे करना चाहिए, और जीवन में खुश और संतुष्ट रहने के तरीके।

दादा दादी के साथ बिताए गए समय से हमें उनके साथीय और प्यारे संबंध बनते हैं। इसके अलावा, हम उनके अनुभव से सीखते हैं, जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और हमें उनके साथ बिताए गए समय की यादें जीवन भर के लिए याद रहती हैं।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Essay on Grandparents in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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दादा-दादी पर निबंध – Essay on Grandparents in Hindi

Essay on Grandparents in Hindi

वे लोग बेहद खुशनसीब होते हैं जिन्हें अपने दादा-दादी और नाना-नानी के साथ रहने का मौका मिलता है और उनके अंदर न सिर्फ अच्छे संस्कार विकसित होते हैं बल्कि उन्हें अपार प्यार और स्नेह भी मिलता है। दादी-दादी घर से सबसे बड़े, आदरणीय और सम्मानीय सदस्य होते हैं, जिनके फैसले परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं दादा-दादी का अपने नाती-पोतें के साथ एक अलग रिश्ता होता है।

घर के सारे सदस्यों का प्यार एकतरफ और दादा-दादी का प्यार एक तरफ होता है। दादा-दादी न सिर्फ मम्मी-पापा के डांट देने पर अपने प्यार-दुलार से बच्चों का मूड सही कर देते हैं बल्कि उन्हें प्यारी-प्यारी परियों की कहानियां सुनाकर उनके बचपन को और भी ज्यादा हसीन बना देते हैं।

दादा-दादी और पोता-पोती का अटूट बंधन और मजबूत रिश्ते पर कई बार प्रतियोगी परीक्षा अथवा निबंध प्रतियोगिता पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस पोस्ट में अलग-अलग शब्द सीमा पर दादा-दादी के विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Essay on Grandparents in Hindi

दादा-दादी, नाना-नानी घर से सबसे बड़े एवं सम्मानीय सदस्य होते हैं। इसलिए घर के सभी लोगों के मन में इनके लिए अलग भावना होती है और सब इनका आदर करते हैं। घर से हर काम को इनकी सलाह से पूरा किया जाता है, क्योंकि इनके घर के लिए गए हर फैसले अहम होते हैं, इन्हें दुनिया का काफी अच्छा तुर्जुबा होता है और लोगों की बेहतर पहचान होती है।

इसलिए वे अपने अनुभव और तर्जुबे को अपने बच्चों को पोता – पोता से सांझा करते हैं और उन्हें दुनिया के बारे में मुखातिब करवाते हैं और उन्हें सही सलाह देकर सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं।

इसके साथ ही घर में अनुशासन को बनाए रखने के लिए प्रेरणा देते हैं और अनुशासन के महत्व को अपने पोता-पोती को बताते हैं।

वहीं जब माता-पिता अपने कामों में व्यस्त रहते हैं तो दादा-दादी ही होते हैं जो पोता-पोती को भरपूर समय देते हैं और उनके अंदर अच्छे संस्कारों का विकास करते हैं साथ ही उन्हें भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के महत्व को बताते हैं और उनके अंदर नैतिक मूल्यों एवं कर्तव्यों की भावना का विकास करने में उनकी मद्द करते हैं।

जो बच्चे अपने दादा-दादी के संपर्क में रहते हैं उनके अंदर रिश्तों की अहमियत और प्रेम, सम्मान की भावना कूट-कूट कर भरी होती है, क्योंकि दादा-दादी बच्चों को सभी से प्रेम करने और रिश्तों के महत्व को बेहद अच्छे तरह से समझाते हैं।

दादा-दादी, घर की रौनक होते हैं और अपने पोता – पोती को उनके माता-पिता से भी ज्यादा प्यार करते हैं और उन्हें अच्छी कहानियां सुनाकर उनके बचपन को और भी ज्यादा बेहतर बनाते हैं।

वहीं आज की युवा पीढ़ी सुंयुक्त परिवार में रहना नहीं पसंद करती है, सेपरेट परिवार में रहना एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है। जिसके चलते आज के बच्चों को दादा-दादी और नाना – नानी का प्यार नहीं मिल पाता है।

वहीं इस बात को हर माता-पिता को जरूर समझना चाहिए और अपने बच्चों को दादा-दादी के पास रहने का मौका देना चाहिए ताकि उन्हें दादा-दादी का भरपूक प्यार मिल सके, क्योंकि दादा-दादी के प्यार के बिना बचपन अधूरा होता है।

दादा-दादी पर निबंध – Dada Dadi par Nibandh

दादा-दादी और पोता-पोती का अटूट रिश्ता होता है। इस रिश्ते से कई भावनात्मक भावनाएं जुड़ीं रहती हैं। इनके बीच का प्रेम और बंधन काफी मजबूत होता है। वहीं जिस घर में दादा-दादी होते हैं, उस घर का अलग ही माहौल होता है, ऐसे घरों के रिश्तों में प्यार और सम्मान की भावना होती है और आपसी रिश्ते काफी मजबूत होते हैं साथ ही बच्चों के अंदर संस्कार भरे होते हैं।

दादा-दादी के प्यार और स्नेह के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा है, क्योंकि उनका प्यार और स्नेह बेमिसाल होता है।

दादा-दादी और पोता-पोती के बीच प्यार और रिश्ता:

दादा-दादी और पोती-पोते के बीचे एक अलग बॉन्ड होता है। जिसमें सिर्फ प्यार ही प्यार होता है। जो बच्चे संयुक्त परिवार में रहते हैं, दादा-दादी, नाना-नानी के साथ उनके बचपन की मीठी कहानियां और मीठी यादें जुड़ी होती हैं।

वहीं जब उनके माता-पिता अपने-अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, उस दौरान दादा-दादी ही होते हैं जो माता-पिता से ज्यादा अपने पोता-पोती का ख्याल रखते हैं और उनके बेहतर विकास के लिए उनका पालन-पोषण करते हैं। वहीं दादा-दादी के साथ रहने से बच्चों के अंदर कई ऐसे गुणों का विकास होता है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –

दादा-दादी के पास रहने से इन गुणों का होता है विकास:

  • अच्छे संस्कारों का विकास होता है।
  • अनुशासन की भावना विकसित होती है।
  • रिश्तों का महत्व समझने में मद्द मिलती है।
  • प्रेम – सम्मान की भावना का विकास होता है।
  • रिश्तों में मजबूती आती है।
  • जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है।
  • बचपन को सही तरीके से जीने का मौका मिलता है।
  • शारीरिक और मानसिक दोनों रुप से विकास होता है।
  • सही पालन-पोषण में मद्द मिलती है।

सेपरेट फैमिली में रहकर भी दादा-दादी से इन तरीकों से रख सकते हैं अपने रिश्ते मजबूत:

कई फैमिली ऐसी होती हैं जिन्हें अपने करियर के चलते अपने माता – पिता से दूर जाकर किसी अन्य शहर में बसना पड़ता है। ऐसे में उनके बच्चों को दादा-दादी का प्यार नहीं मिल पाता है।

वहीं व्यस्ततता के चलते हर हफ्ते जाकर अपने बच्चों को उनके दादा-दादी से मिलवाना मुमकिन नहीं है, लेकिन इन आासान तरीकों की मद्द से अपने बच्चों को दादा-दादी के प्यार, स्नेह में बांधने और उनके आपसी रिश्तों को मजबूत जरूर किया जा सकता है –

  • सैपरेट फैमिली में रहने वाले समय-समय पर बच्चों के दादा-दादी को घर में रहने के लिए बुलाएं।
  • वीडियो कॉल अथवा वॉइस कॉल के माध्यम से दादा-दादी से बच्चों को रोजाना बात करवाना न भूलें।
  • ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स अथवा पोस्ट के जरिए दादा-दादी के लिए बच्चों से गिफ्ट भिजवाएं, इससे रिश्तें और भी ज्यादा मजबूत होते हैं।
  • बच्चों को दादा-दादी के प्रति उनकी भावनाओं को उकेरने का मौका दें और उसमें अपना सहयोग करें।

दादा-दादी के कर्तव्य:

  • अपने पोता-पोती की सही देखभाल करने में सहयोग करें।
  • पोता-पोती से दूर रहकर भी संपर्क बनाए रखें।
  • बड़प्पन न दिखाएं, बच्चों की तरह पेश आएं।
  • सख्ती से पेश न आएं।
  • हमेशा अच्छी सलाह दें।
  • अच्छे संस्कार डालने में मद्द करें।

पोता-पोती के कर्तव्य:

  • दादा-दादी के सेवा में तत्पर रहें।
  • दादा-दादी की भावनाओं का रखें ख्याल।
  • दादा-दादी का आदर-सम्मान करें।
  • दादा-दादी, नाना-नानी से संपर्क बनाए रखें।
  • दादा-दादी की जरूरतों को पूरा करने में उनकी मद्द करें।
  • दादा-दादी के बताए गए मार्गों का अनुसरण करें और उनकी बात को गहराई से समझने की कोशिश करें।
  • समय-समय पर दादा-दादी के साथ आउटिंग पर जाएं।
  • दादा-दादी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करने की कोशिश करें।
  • दादा-दादी को समय-समय पर उनके खास दिनों पर गिफ्ट देना नहीं भूलें।

दादा-दादी और पोता-पोती के बीच एक बेहद प्यार भरा रिश्ता होता है। इसलिए आज की युवा पीढ़ी को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और अपने बच्चों को संयुक्त परिवार प्रणाली से अलग कर उन्हें दादी-दादा के प्यार से वंचित नहीं करना चाहिए, बल्कि यह कोशिश करनी चाहिए की उनके बच्चों को दादा-दादी का अपार प्यार और स्नेह मिल सके क्योंकि दादी-दादा और नाना-नानी का प्यार और स्नेह बेमिसाल होता है, उनके प्यार के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा होता है।

  • My Family Essay
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दादा दादी पर निबंध

essay on respecting grandparents in hindi

By विकास सिंह

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दादा-दादी के आसपास होने का मज़ा है। वे न केवल ज्ञान के मोती बिखेरते हैं बल्कि हमारे जीवन को भरपूर प्यार और देखभाल से भर देते हैं। उनके आसपास होने की भावना को शब्दों के माध्यम से वर्णित नहीं किया जा सकता है। दादा-दादी द्वारा दिया गया प्यार और स्नेह बेमिसाल है।

दादा दादी पर निबंध, short essay on grandparents in hindi (200 शब्द)

दादा-दादी और पोते के बीच के बंधन को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है। दादा-दादी न केवल बच्चों में अच्छी आदतों और नैतिक मूल्यों को विकसित करते हैं, बल्कि असीमित आनंद लेने की बात करते हैं। जबकि माता-पिता अपने सर्वांगीण विकास के लिए अपने बच्चों को वह सब कुछ प्रदान करने का प्रयास करते हैं, उनकी वृद्धि उनके दादा-दादी के बिना अधूरी है।

यह देखा जाता है कि पोते-पोतियों के पास उनके दादा-दादी के कई लक्षण होते हैं। आपने उन्हें कई बार ठीक उसी तरह व्यवहार करते देखा होगा। दिलचस्प बात यह है कि यह केवल उन लोगों के साथ नहीं है जो एक साथ रहते हैं, बल्कि उन लोगों के साथ भी हैं जिन्हें शायद ही एक-दूसरे से मिलने का मौका मिलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे जन्म के बाद अपने दादा-दादी के कुछ लक्षणों को प्राप्त करते हैं।

दुर्भाग्य से, परमाणु परिवारों की बढ़ती प्रवृत्ति ने नाती-पोतों और दादा-दादी के बीच संपर्क को सीमित कर दिया है और दोनों इसके कारण बहुत कुछ करने से चूक जाते हैं। माता-पिता को बॉन्ड को बनाए रखने या रहने के लिए उन्हें कॉल करने के लिए समय पर हर बार अपने दादा दादी की जगह पर अपने बच्चों को ले जाना चाहिए। यदि मीटिंग अक्सर संभव नहीं होती है, तो उन्हें फोन या अन्य माध्यमों से एक-दूसरे के संपर्क में रहने में मदद करने का सुझाव दिया जाता है।

मेरे दादा दादी पर निबंध, essay on grandparents in hindi (300 शब्द)

दादा दादी अपने पोते के साथ एक बहुत ही विशेष बंधन साझा करते हैं। वे अच्छी तरह से घुलमिल हो जाते हैं और एक दूसरे की कंपनी में सबसे खुशहाल स्थिति में होते हैं। कुछ परिवारों में, यह बंधन माता-पिता और बच्चे की तुलना में अधिक मजबूत होता है। अपने दादा-दादी बच्चों पर दादा-दादी का प्यार और स्नेह बस बेमिसाल है।

दादा दादी और पोते के बीच बंधन:

जबकि पहले के बच्चों को अपने दादा-दादी के साथ प्रचुर समय बिताना पड़ता था, हालांकि, परमाणु परिवार प्रणाली के बढ़ते चलन के कारण वे एक-दूसरे को अक्सर देखने को नहीं मिलते। हालांकि, माता-पिता के पास कई व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिबद्धताएं होती हैं और वे अपने बच्चों को अक्सर दादा-दादी के पास ले जाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दे सकते हैं, हालांकि, उन्हें अक्सर एक-दूसरे के साथ दो समय बिताने के लिए सुनिश्चित करने के तरीकों की तलाश करनी चाहिए। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो इस दिशा में काम कर सकते हैं:

  • यदि आप अपने माता-पिता से अक्सर नहीं मिल पाते हैं या अपनी पेशेवर प्रतिबद्धताओं के कारण वापस नहीं आ पाते हैं तो आप अपने बच्चों को एक दो दिनों के लिए छोड़ सकते हैं या अपने स्थान पर रहने के लिए अपने माता-पिता को बुला सकते हैं।
  • बार-बार यात्रा करना एक परेशानी हो सकती है, हालांकि, आपको संपर्क में रहने से कम नहीं करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से नियमित रूप से अपने माता-पिता से बात करते हैं।
  • आप अपने बच्चों को उनके दादा-दादी को हाथ से लिखे गए पत्र और कार्ड पोस्ट करने के लिए भी कह सकते हैं। यह थोड़ा पुराने ज़माने का लग सकता है लेकिन यह निश्चित रूप से एक स्थायी प्रभाव बना सकता है और उनके बंधन का पोषण कर सकता है।
  • ई-कॉमर्स पोर्टल्स के आगमन के साथ उपहार भेजना आसान हो गया है। अपने बच्चों को उनके दादा दादी के लिए उपहारों का चयन करें और उन्हें विशेष अवसरों पर भेजें।

निष्कर्ष:

दादा-दादी द्वारा पढ़ाए जाने वाले जीवन के सबक किसी भी संख्या में पुस्तकों को पढ़ने या किसी भी कक्षा में भाग लेने से नहीं सीखा जा सकता है। माता-पिता पोते और दादा-दादी के बीच संपर्क बिंदु हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे इस संबंध को जीवित रखें।

दादा दादी पर निबंध, 400 शब्द:

दादा-दादी को परिवार की जड़ के रूप में जाना जाता है। वे अनुभवी और जानकार हैं और नई पीढ़ियों को सीखने और बढ़ने में मदद करने के लिए अपने बहुमूल्य जीवन के सबक साझा करते हैं। वे निःस्वार्थ भाव से अपने बच्चों और पोते-पोतियों की सेवा करते हैं और उन्हें बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं।

संयुक्त परिवार प्रणाली: बच्चों के लिए एक वरदान

यहाँ कुछ कारक हैं जो इस विचारधारा का समर्थन करते हैं:

संबंध:  एक संयुक्त परिवार प्रणाली में जब एक बच्चा दादा-दादी, चाचा, चाची और चचेरे भाई के साथ रहता है, तो वह सीखता है कि विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ कैसे बंधन है। ऐसे बच्चों को शायद ही कभी लोगों के साथ संबंध बनाने में कठिनाई होती है जब वे उन लोगों की तुलना में बाहर निकलते हैं जो दिन के अधिकांश भाग के लिए अपने माता-पिता या घरेलू मदद को देखते हैं।

जीवन के लिए मूल्यवान सबक:  जब बच्चे अपनी बढ़ती अवस्था में होते हैं और उन्हें जीवन को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए मूल्यवान पाठ पढ़ाने की आवश्यकता होती है, तो माता-पिता अक्सर अपने करियर में व्यस्त रहते हैं और मुश्किल से ही उनके साथ क्वालिटी टाइम बिता पाते हैं और उन्हें जीवन की नॉटी-ग्रिटिज सिखाते हैं। दादा-दादी बहुत अधिक अनुभवी हैं और अक्सर संयुक्त परिवार प्रणाली में बच्चों के साथ अधिक समय बिताने के लिए मिलते हैं। एक संयुक्त परिवार में रहने वाले बच्चे इस प्रकार अच्छे नैतिक मूल्यों और जीवन के लिए अन्य मूल्यवान सबक सीखते हैं।

उनके क्षितिज को व्यापक बनाता है:  बच्चे अक्सर हमारी नकल करते हैं। जब वे एक परमाणु परिवार में रहते हैं तो वे अक्सर माता या पिता की आदतों को अपनाते हैं और एक निश्चित तरीके से व्यवहार करना शुरू करते हैं। हालाँकि, संयुक्त परिवार में रहना उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है। वे अलग-अलग लोगों के संपर्क में आते हैं और सीखते हैं कि कैसे एक ही काम को अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है और जिस तरह से वे आंख मूंदकर नकल करते हैं, उसे पसंद करते हैं।

साझा करना और देखभाल करना: यद्यपि बच्चे को संयुक्त परिवार प्रणाली में रहने वाले विभिन्न परिवार के सदस्यों की कंपनी का आनंद लेने के लिए मिलता है, लेकिन वह ध्यान का एकमात्र बिंदु नहीं है। वह समझता है कि लाई गई हर बड़ी और छोटी चीज उसके लिए पूरी तरह से नहीं है और सदस्यों के बीच साझा की जानी चाहिए। यह इस प्रकार साझा करने की आदत विकसित करने में मदद करता है और उसे दूसरों की जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।

ज्यादा मस्ती:  जब आप इसे एक साथ मनाते हैं तो सभी विशेष अवसर जैसे जन्मदिन और त्यौहार सभी विशेष बन जाते हैं।

समर्थन प्रणाली: दादा-दादी परिवार के लिए एक महान समर्थन प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं। आप उन पर कभी भी भरोसा कर सकते हैं। जैसे-जैसे वे बूढ़े होते हैं, उन्हें भी ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है और संयुक्त परिवार उनकी आवश्यकता को भी पूरा करते हैं।

संयुक्त परिवार प्रणाली को बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए सबसे अच्छा कहा जाता है। यद्यपि यह अवधारणा धीरे-धीरे दूर हो रही है, कुछ लोग अभी भी उपरोक्त कारणों से अधिक लोकप्रिय परमाणु परिवार प्रणाली पर इसे पसंद करते हैं।

दादा दादी पर निबंध, long essay on grandparents in hindi (600 शब्द)

दादा-दादी बनना दुनिया की सबसे अच्छी भावनाओं में से एक हो सकता है। एक विशेष बंधन है जो दादा-दादी अपने पोते के साथ साझा करते हैं और यह समय के साथ मजबूत होता है यदि सावधानीपूर्वक पोषण किया जाता है।

दादा दादी के लिए युक्तियाँ

माता-पिता की तुलना में दादा-दादी आमतौर पर परिवार में पैदा हुए एक नए व्यक्ति के आगमन के बारे में अधिक उत्साहित होते हैं। यदि आप एक उम्मीद या नए दादा-दादी हैं और इस नई जिम्मेदारी को लेने से घबरा रहे हैं, तो निम्नलिखित जानकारी में मदद करनी चाहिए:

समर्थन बढ़ाएँ: दादा-दादी के रूप में आपकी जिम्मेदारी आपके छोटे से आनंद के बंडल के आने से पहले शुरू होती है। खुशखबरी मिलते ही अपने बच्चों के लिए अपना समर्थन बढ़ाएँ। उस महत्वपूर्ण चरण के दौरान अपने और बच्चे की देखभाल करने के तरीके के बारे में सुझाव दें और उन्हें इस बात की पुष्टि भी दें कि आप हर कदम पर उनका मार्गदर्शन और समर्थन करने के लिए वहां मौजूद हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपना वादा निभाते हैं और जब भी आवश्यक हो अपना समर्थन बढ़ाते हैं।

वास्तविक बनो: यहां तक ​​कि आपको इस चरण के दौरान अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए वहां होना चाहिए और बच्चे के पैदा होने के बाद, यह आपको जीवन के बड़े फैसले लेने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए जैसे कि नौकरी छोड़ना या स्थानांतरित करना। हमेशा याद रखें, आप दूसरे व्यक्ति का समर्थन कर सकते हैं और केवल प्यार और देखभाल प्रदान कर सकते हैं जब आप अपने स्वयं के जीवन में शांति और संतुष्ट हों। आप कौन हैं यह नहीं रोकें

अत्यधिक खरीदारी न करें: बहुत से दादा-दादी थोड़ा उत्तेजित हो जाते हैं और अपने पोते-पोतियों के लिए कुछ भी और सब कुछ चुन लेते हैं। जब आपकी भावनाएं पूरी तरह से समझ में आ जाती हैं, तो धन संबंधी मामलों में आपको हमेशा समझदारी से काम लेना चाहिए। खरीदारी पर आसानी से जाएं। केवल खरीदने के लिए सामान न खरीदें।

एक स्वस्थ संबंध स्थापित करें : यद्यपि आप नए जन्म के आगमन के बारे में सुपर उत्साहित हैं, लेकिन यह मत भूलो कि उसके पास दादा-दादी का एक और सेट भी है और वे समाचार में समान रूप से उत्साहित होने की संभावना है। उन सभी पर कुहनी करने या अपने दम पर सब कुछ करने की कोशिश करने के बजाय उनके साथ अपनी जिम्मेदारियों को साझा करें। एक-दूसरे के साथ संवाद करें, सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखें और बच्चे की स्वस्थ परवरिश सुनिश्चित करने के लिए अपना काम करें।

फोर्स बॉन्डिंग न करें:  यह समझ में आता है कि दादा दादी अपने पोते के साथ एक विशेष बंधन स्थापित करना चाहते हैं। हालांकि, कई इसके साथ खत्म हो जाते हैं। वे दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना शुरू करते हैं या बच्चों को उन्हें पसंद करने के लिए मजबूर करते हैं। इस तरह से आप बच्चे के सामने एक नकारात्मक छवि को चित्रित करने की अधिक संभावना रखते हैं। बस अपने पोते के साथ समय बिताएं, उनकी अच्छी देखभाल करें और समय के साथ स्वाभाविक रूप से संबंध बनाने दें।

संपर्क बनाए रखे:  अगर आप दूर रह रहे हैं तो अपने बच्चों और नाती-पोतों से संपर्क बनाए रखें। उन्हें अक्सर कॉल करें, उनसे मिलने जाएं और उन्हें अपने स्थान पर आमंत्रित करें ताकि आप अपने पोते से नियमित रूप से मिल सकें और उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकें।

जीवन का सबक दो:  जैसे-जैसे आपके नाती-पोते बड़े होने लगते हैं, उन्हें अच्छे नैतिक मूल्यों को विकसित करने की जिम्मेदारी के रूप में लें। विभिन्न परिस्थितियों को संभालने के बारे में जानने के लिए अपने अनुभवों और कहानियों को उनके साथ साझा करें।

कठोर मत बनो:  आपके पास अपनी विचारधाराओं का एक सेट है और सही और गलत की बेहतर समझ रखता है। हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपने पोते के लिए कड़े नियम निर्धारित करने होंगे। उनका मार्गदर्शन करना आपका कर्तव्य है; हालांकि, उनके साथ व्यवहार करते समय बहुत कठोर मत बनो। लचीले रहें, उनके विचारों को सुनें और जब भी आवश्यक हो नियमों को झुकें।

दादा-दादी बनना, विशेष रूप से पहली बार, एक जबरदस्त अनुभव हो सकता है। जीवन के इस नए चरण में प्रवेश करते ही शांत, धैर्यवान और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Dada Dadi ke liye badhiya essay

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Essay on Grandparents – दादा-दादी पर निबंध (100 Words)

मेरे दादा-दादी मेरे लिए बहुत खास लोग हैं। वे हमारे साथ रहते हैं, इसलिए मैं उनसे हर दिन मिलता हूं। मेरी दादी बहुत दयालु और देखभाल करने वाली हैं। वह हमेशा यह सुनिश्चित करती है कि हमारे पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन हो और हमारे कपड़े साफ हों। मेरे दादाजी बहुत मज़ाकिया हैं और चुटकुले सुनाना पसंद करते हैं। वह हमें हमेशा हंसाते रहते हैं. जब मैं दुखी या डरा हुआ महसूस करता हूं, तो वे मुझे सांत्वना देते हैं और बेहतर महसूस कराते हैं। वे मुझे ईमानदारी और सम्मान जैसे महत्वपूर्ण जीवन सबक सिखाते हैं। मुझे उनके साथ समय बिताना और उनके अनुभवों से सीखना पसंद है। वे मेरे आदर्श हैं और मैं उनकी बहुत प्रशंसा करता हूं।

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दादा दादी दिवस निबंध हिंदी में | Essay On Grandparents Day In Hindi

दादा दादी दिवस निबंध Essay On Grandparents Day In Hindi : जीवन में परिवार के बड़ो के आश्रय को एक एहसास कुछ अनोखा ही होता हैं.

आज प्रेमियों के लिए वेलेंटाइन डे, भाई बहिनों के लिए राखी, भाई दूज, मातृ पितृ दिवस हम मनाते हैं तो एक दिन उन दादा दादा अथवा नाना नानी के नाम भी एक दिवस होने ही चाहिए,

वैसे सौभाग्यशाली संताने अपना हर दिन उन्ही को समर्पित करती हैं फिर भी एक विशेष अवसर के रूप में दादा दादी दिवस मनाना चाहिए. हमारा आज का निबंध और स्पीच अनुच्छेद भाषण भी इसी विषय पर दिया गया हैं.

दादा दादी दिवस निबंध Essay On Grandparents Day In Hindi

Essay On Grandparents Day In Hindi

बुजुर्ग पीढ़ी के लोग भावी लोगों के लिए सारथी की भूमिका निभाते हैं. वे हमारे जीवन के जिन्दा इतिहास के साक्ष्य होते हैं. हर कोई अपने दादा दादी से अथाह प्रेम करता हैं.

दादा पाते या दादी पोते पोती के रिश्ते एक अच्छे दोस्त से भी बढ़कर होते हैं. वे हमें न सिर्फ ढेर सा प्यार देते हैं बल्कि ज्ञान रुपी मोती भी प्रदान करते हैं.

मैं अपने दादा दादी के साथ रहता हूँ उनके अहसास तथा साथ रहने के भाव इससे प्राप्त होने वाले संतोष को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता.

अपनी उम्रः के अंतिम पडाव में जाकर भी कई वृद्ध महाशय जीवन के सुख को भोग नहीं पाते हैं. आज के हमारे समाज में वृद्धाश्रम की व्यवस्था ने रिश्तों को तार तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं.

वे लोग बेहद खुशनसीब होते हैं जिन्हें बचपन में दादा दादी का प्यार नसीब हो. उनके प्यार व स्नेह में जीवन शिक्षा एवं संस्कार गुथे होते हैं.

घर के सम्मानीय एवं बुजुर्ग सदस्य होने के नाते सभी उनका सम्मान करते हैं तथा उनकी कही हर एक बात का पालन किया जाता हैं. जिस तरह सरकारों को परामर्श के थिंकटैंक की आवश्यकता होती हैं एक परिवार में इनका वही महत्व होता हैं.

जीवन के राज और अनुभव केवल वे लोग ही जानते है जिन्होंने जीवन को जिया हैं. मेरे दादा दादी उन्ही में से एक हैं. परिवार के सभी लोगों के प्यार से अधिक इन वृद्ध दादा दादी का प्यार होता हैं.

माता पिता की डांट अथवा पिटाई के बाद दादाजी के कुछ शब्द ही दर्द पर मरहम लगा देते हैं. बचपन में हम दादा दादी की प्राचीन कहानियों को सुन सुनकर ही बड़े हुए हैं. उम्रः के इस दौर में हमें उनका ख्याल रखना चाहिए. यही हमारा कर्तव्य हैं.

आज अक्सर देखने को मिलता हैं दो पीढियों के बीच गैप के कारण बच्चें अपने माता पिता, दादा दादी से बिलकुल दूर हो जाते है यहाँ तक कि उनसे बात करना, सलाह लेना भी पसंद नहीं करते हैं. हमारी शिक्षा व्यवस्था में महत्व केवल कक्षाओं या डिग्रीयों को ही दिया जाता हैं न कि अनुभव या ज्ञान को.

यही वजह है कि आज के युवा वृद्ध बुजुर्गों के प्रति एक आम राय रखते है कि ये तो अनपढ़, दकियानूची, अज्ञानी होते हैं, जबकि यह बात पूरी तरह उन कहने वाले पर लागू होती हैं.

दादा-दादी पर निबंध – Dada Dadi (Grandparents) par Nibandh

हमारे जीवन में दादा दादी के साथ गहरे आत्मीय रिश्ते होते हैं जिसके साथ रक्त सम्बन्ध, भावनाएं जुडी होती हैं. पारिवारिक रिश्ते के साथ ही एक मजबूत आत्मीय सम्बन्ध भी होता हैं.

अक्सर संयुक्त परिवार में जहाँ बच्चें अपने वृद्ध जनों के चलते अच्छे संस्कारों के बीच पालन पोषण होता हैं. उनका स्नेह बेहद स्वाभाविक और सम्मान से जुड़े होते हैं.

दादा-दादी और पोता-पोती का रिश्ता:

प्रत्येक घर में बुजुर्ग गहरी जड़ों वाले बरगद वृक्ष की भांति है जिसकी शाखाओं के रूप में परिवार के अन्य सदस्य होते हैं. हर घर में बड़ों की भूमिका हैं. जो हमें सही दिशा भी देते है और अपने छाया में आश्रय भी देते हैं.

भारतीय संस्कृति में बड़े के आशीर्वाद भी जीवन में कामयाबी के अंग माने जाते हैं. हम जानते है कि दादा और दादी का साथ जीवनभर नहीं रह पाता हैं. उम्रः की अपनी एक सीमा होती है जिसके चलते वे हमसे बिछड़ जाते हैं.

इस कारण हमारा सौभाग्य होता है कि हम उनके साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत कर सके. उनके अनुभव का लाभ उठाए तथा उनके आशीष वचन प्राप्त करे.

प्रत्येक पौत्र पौत्री का यह भी कर्तव्य है कि वृद्धावस्था में जब हमारे दादा दादी शारीरिक रूप से उतने सक्षम नही रह पाते है जितने कि वे कभी हुआ करते थे.

इसलिए उनकी जरूरतों का ख्याल रखना, उनके अधूरे सपनें जानकर उनके जीवित रहते पूर्ण करना. चलने में असमर्थ हो तो उन्हें दोस्तों रिश्तेदारों से मिलवाना, उनके साथ खेल खेलना तथा सुबह या शाम में उनकी वाक के साथ जाना, बाते करना और व्यंजन खिलाकर हम उनके जीवन के अंतिम पडाव को अधिक खुशनुमा कर सकते हैं.

आज जिस तरह से कम उम्रः में ही थोड़े से तनाव या कोई प्रेम विषय के कारण जान तक दे देता हैं. वे परिवार तथा बड़ों से इस तरह कटकर रह जाते है. उन्हें सही सलाह देने वाला और मदद करने वाला कोई नहीं होता हैं. ऐसे में बच्चें स्वयं को असहाय पाते हैं.

इसलिए माता पिता को भी चाहिए कि वे अपने बच्चें का दादा दादी से अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करे. क्योंकि अक्सर देखा गया हैं बच्चें जितनी गोपनीय बाते अपने दोस्तों के साथ शेयर नहीं करते हैं उससे अधिक वे अपने दादाजी से बात करते हैं.

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Essay on Grandparents

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Table of Contents

दादा-दादी किसी के पिता या माता के माता-पिता होते हैं। दादा-दादी या तो मातृ या पितृ हो सकते हैं।

पैतृक दादा-दादी परिवार के पिता की ओर से होते हैं जबकि नाना-नानी परिवार की माता की ओर से होते हैं।

वृद्धावस्था में भी दादा-दादी का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। ऐसे कई लाभ हैं जो हम अपने दादा-दादी से प्राप्त कर सकते हैं और इसलिए उनके साथ अच्छे संबंध स्थापित करना महत्वपूर्ण है।

दादा दादी की भूमिका

  • दादा-दादी की अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ इतिहास साझा करने की भूमिका होती है । वे पिछली घटनाओं से अधिक परिचित हैं जिन्हें वे दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं।
  • दादा-दादी भी पीढ़ीगत अंतराल को पाटते हैं । पुरानी पीढ़ी के बारे में कहानियाँ सुनाकर उनका उपयोग वर्तमान पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी से जोड़ने के लिए किया जा सकता है।
  • दादा-दादी संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं । वे अपने पोते-पोतियों को उत्कृष्ट सलाह देने और प्रतिभाओं और सपनों को पोषित करने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • दादा-दादी भी अच्छे दोस्त बनाते हैं । वे बेहतर श्रोता होते हैं और जब हमारे मूड से निपटने की बात आती है तो उनके पास अधिक धैर्य भी होता है। वे यह भी जानते हैं कि निर्णयात्मक स्वर के बिना सलाह कैसे दी जाती है।
  • दादा-दादी की भी सलाह और अंतर्दृष्टि प्रदान करने की भूमिका होती है । उनके पास जीवन में अधिक अनुभव हैं और इसलिए एक अनुभवी दृष्टिकोण से महान सलाह देते हैं।
  • यदि हमारे माता-पिता उपलब्ध नहीं हैं तो दादा-दादी भी कार्यवाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं। यदि हमारे माता-पिता उपलब्ध नहीं हैं तो वे माता-पिता होने की भूमिका निभा सकते हैं।
  • दादा-दादी भी रोल मॉडल हो सकते हैं । यह विशेष रूप से मामला है यदि वे सफल और सम्मानित लोग हैं। कई बच्चे अपने दादा-दादी को अपने रोल मॉडल के रूप में चुनते हैं क्योंकि वे उनके साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकते हैं।
  • दादा-दादी की एक और भूमिका यह है कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं को सीखने के साधन के रूप में कार्य करते हैं । वे अपने पोते-पोतियों को पारंपरिक व्यंजन और अन्य पारंपरिक प्रथाओं को बनाना सिखा सकते हैं।

हम अपने दादा-दादी से क्या सीख सकते हैं?

  • हम अपने दादा-दादी से ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में जान सकते हैं । इसका कारण यह है कि उन्होंने या तो घटनाओं को देखा है या ऐतिहासिक घटनाओं को देखने वाले किसी व्यक्ति के रूप में उन्हें पहली बार जानकारी मिली है।
  • हम अपनी वंशावली के बारे में अपने दादा-दादी से भी सीखते हैं। वे हमें हमारे पिछले परिवार के सदस्यों के बारे में सिखा सकते हैं जिनसे हम कभी नहीं मिले।
  • दादा-दादी हमें हमारी संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में भी सिखाते हैं जिन्हें हम पश्चिमीकरण के कारण भूल गए होंगे।
  • अपने दादा-दादी के साथ समय बिताना हमें विभिन्न नैतिकताओं और मूल्यों के बारे में भी सिखाता है क्योंकि दादा-दादी सलाह देने में अधिक कुशल होते हैं।

हमारे दादा-दादी का इलाज और देखभाल कैसे करें?

  • हमें अपने दादा-दादी के घर के कामों में उनकी मदद करनी चाहिए । ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अपनी उम्र के कारण इन कामों को अच्छी तरह से नहीं कर पाते हैं।
  • हमें अपने दादा-दादी के प्रति भी अधिक विनम्र होना चाहिए । यह उन्हें सम्मान दिखाने के लिए है क्योंकि वे परिवार के बड़े सदस्य हैं।
  • आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने दादा-दादी के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करते रहें। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी उम्र के साथ, उन्हें संक्रमण और बीमारियों के होने का खतरा अधिक होता है।
  • आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने दादा-दादी के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं । यह आपके द्वारा प्राप्त ज्ञान के कारण न केवल आपके लिए फायदेमंद होगा बल्कि आप उन्हें प्यार और जरूरत महसूस करने में भी मदद करेंगे।
  • आप अपने दादा-दादी का हर बार चेकअप कराने के लिए उनके साथ अस्पताल जाकर उनकी देखभाल भी कर सकते हैं । यह उन्हें प्यार और प्रशंसा की भावना देगा।

अपने दादा-दादी से प्यार का इजहार कैसे करें?

  • आप अपने दादा-दादी को कभी-कभार उपहार खरीदकर उनके प्रति प्यार का इजहार कर सकते हैं। इससे उन्हें प्यार और जरूरत महसूस होगी।
  • आप उन्हें जन्मदिन जैसे कार्यक्रमों में आमंत्रित करके भी प्यार का इजहार कर सकते हैं । यह उन्हें आपके जीवन का एक हिस्सा जैसा महसूस कराता है।
  • छुट्टियों के लिए अपने दादा-दादी के घर जाना या उन्हें आमंत्रित करना भी उन्हें प्यार दिखाने का एक तरीका है।
  • आप अपने दादा-दादी के लिए समय-समय पर खाना बनाकर भी उनके लिए प्यार का इजहार कर सकते हैं । उन्होंने अपना अधिकांश जीवन दूसरों के लिए खाना पकाने में बिताया है और एहसान वापस करने से उन्हें सराहना मिलेगी।
  • घर के कामों में अपने दादा-दादी की मदद करना भी प्यार का इजहार करने का एक तरीका है।

दादा दादी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके बिना हमारा अस्तित्व नहीं होता क्योंकि उन्होंने हमें हमारे माता-पिता दिए हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अपने दादा-दादी के साथ प्यार और सम्मान के साथ व्यवहार करें ताकि वे अपने माता-पिता का पालन-पोषण करने के लिए उनकी सराहना करें। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो हम अपने दादा-दादी के साथ समय बिताकर सीख सकते हैं।

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দাদা – দাদী

দাদা-দাদিরা একজনের বাবা বা মায়ের পিতামাতা। দাদা-দাদি মাতৃ বা পিতৃকুল হতে পারে।

পিতা-মাতারা হলেন পরিবারের পিতার পক্ষ থেকে এবং দাদা-দাদিরা হলেন পরিবারের মায়ের পক্ষ থেকে।

এমনকি তাদের বৃদ্ধ বয়সে, দাদা-দাদি আমাদের জীবনে খুব গুরুত্বপূর্ণ। বিভিন্ন সুবিধা রয়েছে যা আমরা আমাদের দাদা-দাদির কাছ থেকে পেতে পারি এবং তাই তাদের সাথে একটি ভাল সম্পর্ক স্থাপন করা গুরুত্বপূর্ণ।

দাদা-দাদির ভূমিকা

  • দাদা-দাদিদের তাদের সন্তান এবং নাতি-নাতনিদের সাথে ইতিহাস ভাগ করে নেওয়ার ভূমিকা রয়েছে । তারা অতীতের ঘটনাগুলির সাথে আরও বেশি পরিচিত যা তারা অন্যদের সাথে ভাগ করতে পারে।
  • দাদা- দাদিরাও প্রজন্মগত ব্যবধান পূরণ করেন । পুরানো প্রজন্মের গল্প বর্ণনা করে বর্তমান প্রজন্মকে প্রবীণ প্রজন্মের সাথে সংযুক্ত করতে ব্যবহার করা যেতে পারে।
  • দাদা-দাদি পরামর্শদাতা হিসেবে কাজ করেন । তারা তাদের নাতি-নাতনিদেরকে চমৎকার পরামর্শ প্রদান এবং প্রতিভা ও স্বপ্ন লালন করার মাধ্যমে অনুপ্রাণিত করে।
  • দাদা-দাদিরাও ভালো বন্ধু তৈরি করে । তারা আরও ভাল শ্রোতা এবং আমাদের মেজাজের সাথে মোকাবিলা করার ক্ষেত্রে তাদের আরও ধৈর্য রয়েছে। তারা জানে কীভাবে বিচারের টোন ছাড়াই পরামর্শ দিতে হয়।
  • উপদেশ ও অন্তর্দৃষ্টি দেওয়ার ক্ষেত্রেও দাদা-দাদির ভূমিকা রয়েছে । তাদের জীবনে আরও অভিজ্ঞতা রয়েছে এবং তাই তারা অভিজ্ঞ দৃষ্টিকোণ থেকে দুর্দান্ত পরামর্শ দেয়।
  • দাদা-দাদিও তত্ত্বাবধায়ক হিসেবে কাজ করতে পারেন যদি আমাদের বাবা-মা পাওয়া না যায়। আমাদের বাবা-মা পাওয়া না গেলে তারা অভিভাবক হওয়ার ভূমিকা নিতে পারে।
  • দাদা-দাদিরাও রোল মডেল হতে পারেন । এটি বিশেষ করে যদি তারা সফল এবং সম্মানিত ব্যক্তি হয়। অনেক শিশু তাদের দাদা-দাদীকে তাদের রোল মডেল হিসাবে বেছে নেয় কারণ তারা তাদের সাথে আরও ভালভাবে সংযোগ করতে পারে।
  • দাদা-দাদির আরেকটি ভূমিকা হল তারা আমাদের সংস্কৃতি ও ঐতিহ্য শেখার একটি মাধ্যম হিসেবে কাজ করে । তারা তাদের নাতি-নাতনিদের শেখাতে পারে কীভাবে ঐতিহ্যবাহী খাবার এবং অন্যান্য ঐতিহ্যবাহী অভ্যাস রান্না করতে হয়।

আমরা আমাদের দাদা-দাদিদের কাছ থেকে কী শিখতে পারি?

  • আমরা আমাদের দাদা-দাদির কাছ থেকে ঐতিহাসিক ঘটনাগুলো জানতে পারি। এর কারণ হল তারা হয় ঘটনাগুলো প্রত্যক্ষ করেছে অথবা ঐতিহাসিক ঘটনা প্রত্যক্ষ করেছে এমন একজনের কাছ থেকে তারা প্রথম তথ্য পেয়েছে।
  • আমরা আমাদের দাদা-দাদির কাছ থেকে আমাদের বংশপরিচয় সম্পর্কেও শিখি । তারা আমাদের আমাদের অতীত পরিবারের সদস্যদের সম্পর্কে শেখাতে পারে যাদের আমরা কখনও দেখা করিনি।
  • দাদা-দাদিরাও আমাদের আমাদের সংস্কৃতি এবং ঐতিহ্য সম্পর্কে শিক্ষা দেন যা আমরা পাশ্চাত্যকরণের কারণে ভুলে গেছি।
  • দাদা-দাদির সাথে সময় কাটানো আমাদের বিভিন্ন নৈতিকতা এবং মূল্যবোধ শেখায় কারণ দাদা-দাদিরা পরামর্শ দেওয়ার ক্ষেত্রে আরও দক্ষ।

কিভাবে চিকিত্সা এবং আমাদের দাদা-দাদি যত্ন নিতে?

  • আমাদের দাদা- দাদিদের ঘরের কাজে সাহায্য করা উচিত । কারণ বয়সের কারণে তারা এই কাজগুলো খুব ভালোভাবে করতে পারে না।
  • আমাদের দাদা-দাদির প্রতি আরও ভদ্র হওয়া উচিত । এটি তাদের সম্মান দেখানোর জন্য কারণ তারা পরিবারের বড় সদস্য।
  • আপনার এটাও নিশ্চিত করা উচিত যে আপনি ঘন ঘন আপনার দাদা-দাদির স্বাস্থ্য পর্যবেক্ষণ করেন । কারণ বয়সের সাথে সাথে তারা সংক্রমণ ও রোগে আক্রান্ত হওয়ার ঝুঁকিতে বেশি থাকে।
  • আপনি আপনার দাদা-দাদির সাথে মানসম্পন্ন সময় কাটাচ্ছেন তাও নিশ্চিত করা উচিত । আপনার প্রাপ্ত জ্ঞানের কারণে এটি কেবল আপনার জন্য উপকারী হবে না তবে আপনি তাদের ভালবাসা এবং প্রয়োজন অনুভব করতে সহায়তা করবেন।
  • এছাড়াও আপনি আপনার দাদা- দাদিদের প্রতিবার চেকআপ করার সময় হাসপাতালে তাদের সাথে নিয়ে তাদের যত্ন নিতে পারেন । এটি তাদের ভালবাসা এবং উপলব্ধির অনুভূতি দেবে।

কিভাবে আমাদের দাদা-দাদীর প্রতি ভালবাসা প্রকাশ করবেন?

  • আপনি আপনার দাদা-দাদিদের মাঝে মাঝে উপহার কিনে তাদের ভালবাসা দেখাতে পারেন । এটি তাদের প্রিয় এবং প্রয়োজনীয় বোধ করবে।
  • জন্মদিনের মতো অনুষ্ঠানে আমন্ত্রণ জানিয়েও ভালোবাসা প্রকাশ করতে পারেন । এটি তাদের আপনার জীবনের একটি অংশ বলে মনে করে।
  • ছুটির দিনে আপনার দাদা-দাদির বাড়িতে যাওয়া বা তাদের আমন্ত্রণ জানানোও তাদের ভালবাসা দেখানোর একটি উপায়।
  • আপনি আপনার দাদা -দাদিদের জন্য একবারে রান্না করে তাদের জন্য ভালবাসা প্রকাশ করতে পারেন। তারা তাদের জীবনের বেশিরভাগ সময় অন্যদের জন্য রান্না করে কাটিয়েছে এবং অনুগ্রহ ফিরিয়ে দিলে তাদের প্রশংসা করা হবে।
  • আপনার দাদা-দাদিদের বাড়ির কাজে সাহায্য করাও ভালোবাসা প্রকাশের একটি উপায়।

দাদা-দাদি আমাদের জীবনে খুবই গুরুত্বপূর্ণ। কারণ তারা না থাকলে আমাদের অস্তিত্ব থাকত না যেভাবে তারা আমাদের বাবা-মাকে দিয়েছে। আপনার পিতামাতার প্রতিপালন করার জন্য তাদের প্রশংসা করার জন্য আপনার দাদা-দাদীর সাথে ভালবাসা এবং শ্রদ্ধার সাথে আচরণ করা গুরুত্বপূর্ণ। এছাড়াও অনেক কিছু আছে যা আমরা আমাদের দাদা-দাদীর সাথে সময় কাটিয়ে শিখতে পারি।

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    દાદા દાદી    

    દાદા દાદી એ કોઈના પિતા અથવા માતાના માતાપિતા છે.     દાદા દાદી માતા અથવા પૈતૃક હોઈ શકે છે.    

    પૈતૃક દાદા દાદી પરિવારના પિતાની બાજુમાંથી હોય છે જ્યારે માતાના દાદા દાદી પરિવારની માતાની બાજુના હોય છે.    

    તેમની વૃદ્ધાવસ્થા સાથે પણ, દાદા દાદી આપણા જીવનમાં ખૂબ જ મહત્વપૂર્ણ છે.     આપણા દાદા-દાદી પાસેથી આપણે વિવિધ લાભો મેળવી શકીએ છીએ અને તેથી તેમની સાથે સારો સંબંધ સ્થાપિત કરવો મહત્વપૂર્ણ છે.    

    દાદા દાદીની ભૂમિકા    

  •     દાદા દાદી તેમના બાળકો અને પૌત્રો સાથે         ઇતિહાસ શેર         કરવાની ભૂમિકા ધરાવે છે .     તેઓ ભૂતકાળની ઘટનાઓથી વધુ પરિચિત છે જે તેઓ અન્ય લોકો સાથે શેર કરી શકે છે.    
  •     દાદા-દાદી પણ         પેઢીના અંતરને પૂરે છે         .     જૂની પેઢી વિશેની વાર્તાઓ સંભળાવીને વર્તમાન પેઢીને જૂની પેઢી સાથે જોડવા માટે તેનો ઉપયોગ કરી શકાય છે.    
  •         દાદા દાદી માર્ગદર્શક         તરીકે કામ કરે છે     .     તેઓ તેમના પૌત્રોને ઉત્કૃષ્ટ સલાહ આપીને અને પ્રતિભાઓ અને સપનાઓનું પાલન-પોષણ કરીને પ્રેરણા આપે છે.    
  •     દાદા દાદી પણ         સારા મિત્રો બનાવે છે         .     તેઓ વધુ સારા શ્રોતા છે અને જ્યારે આપણા મૂડ સાથે વ્યવહાર કરવાની વાત આવે છે ત્યારે તેઓ વધુ ધીરજ ધરાવે છે.     તેઓ એ પણ જાણે છે કે કેવી રીતે નિર્ણયાત્મક સ્વર વિના સલાહ આપવી.    
  •         દાદા દાદીની પણ સલાહ અને આંતરદૃષ્ટિ પ્રદાન         કરવાની ભૂમિકા હોય છે     .     તેઓને જીવનમાં વધુ અનુભવો છે અને તેથી તેઓ અનુભવી દૃષ્ટિકોણથી મહાન સલાહ આપે છે.    
  •     જો અમારા માતા-પિતા ઉપલબ્ધ ન હોય તો દાદા દાદી પણ         સંભાળ રાખનાર         તરીકે કામ કરી શકે છે.     જો અમારા માતાપિતા ઉપલબ્ધ ન હોય તો તેઓ માતાપિતા તરીકેની ભૂમિકા લઈ શકે છે.    
  •     દાદા દાદી પણ         રોલ મોડલ         બની શકે છે .     આ ખાસ કરીને કેસ છે જો તેઓ સફળ અને પ્રતિષ્ઠિત લોકો છે.     ઘણા બાળકો તેમના દાદા દાદીને તેમના રોલ મોડેલ તરીકે પસંદ કરે છે કારણ કે તેઓ તેમની સાથે વધુ સારી રીતે જોડાઈ શકે છે.    
  •     દાદા-દાદીની બીજી ભૂમિકા એ છે કે તેઓ         આપણી સંસ્કૃતિ અને પરંપરાઓ શીખવાના સાધન         તરીકે કાર્ય કરે છે .     તેઓ તેમના પૌત્રોને પરંપરાગત વાનગીઓ અને અન્ય પરંપરાગત પદ્ધતિઓ કેવી રીતે રાંધવા તે શીખવી શકે છે.    

    આપણે આપણા દાદા દાદી પાસેથી શું શીખી શકીએ?    

  •     આપણે આપણા દાદા દાદી પાસેથી         ઐતિહાસિક ઘટનાઓ         શીખી શકીએ છીએ .     આ એટલા માટે છે કારણ કે તેઓ કાં તો ઘટનાઓના સાક્ષી હતા અથવા તેમને ઐતિહાસિક ઘટનાઓના સાક્ષી એવા કોઈ વ્યક્તિના રૂપમાં માહિતી પ્રથમ હાથે મળી હતી.    
  •         અમે અમારા દાદા-દાદી પાસેથી અમારી વંશાવળી         વિશે પણ શીખીએ છીએ     .     તેઓ અમને અમારા ભૂતકાળના કુટુંબના સભ્યો વિશે શીખવી શકે છે જેમને અમે ક્યારેય મળ્યા નથી.    
  •     દાદા- દાદી પણ આપણને આપણી         સંસ્કૃતિઓ અને પરંપરાઓ         વિશે શીખવે છે જે આપણે પશ્ચિમીકરણને કારણે ભૂલી ગયા હોઈએ છીએ.    
  •     દાદા દાદી સાથે સમય વિતાવવો એ આપણને         વિવિધ નૈતિકતા અને મૂલ્યો         શીખવે છે કારણ કે દાદા દાદી સલાહ આપવામાં વધુ કુશળ હોય છે.    

    અમારા દાદા દાદીની સારવાર અને કાળજી કેવી રીતે લેવી?    

  •     આપણે આપણા દાદા દાદીને         ઘરના કામકાજમાં         મદદ કરવી જોઈએ .     આ એટલા માટે છે કારણ કે તેઓ તેમની ઉંમરને કારણે આ કામ સારી રીતે કરી શકતા નથી.    
  •     આપણે     આપણા દાદા-દાદી પ્રત્યે પણ         વધુ નમ્ર બનવું જોઈએ.         આ તેમને આદર બતાવવા માટે છે કારણ કે તેઓ પરિવારના વડીલ સભ્યો છે.    
  •     તમારે એ પણ સુનિશ્ચિત કરવું જોઈએ કે તમે તમારા દાદા-દાદીના સ્વાસ્થ્યનું     વારંવાર         નિરીક્ષણ કરો છો.         આ એટલા માટે છે કારણ કે તેમની ઉંમર સાથે, તેઓ ચેપ અને રોગો પ્રાપ્ત કરવાનું જોખમ વધારે છે.    
  •     તમારે એ પણ સુનિશ્ચિત કરવું જોઈએ કે તમે     તમારા દાદા-દાદી સાથે         ગુણવત્તાયુક્ત સમય વિતાવો છો.         તમને મળેલી શાણપણને કારણે આ ફક્ત તમારા માટે ફાયદાકારક રહેશે નહીં પરંતુ તમે તેમને પ્રેમ અને જરૂરિયાત અનુભવવામાં પણ મદદ કરશો.    
  •     તમે તમારા દાદા દાદીની દર વખતે ચેકઅપ કરાવે ત્યારે         તેમની સાથે હોસ્પિટલમાં જઈને તેમની         સંભાળ પણ લઈ શકો છો .     આ તેમને પ્રેમ અને પ્રશંસાની લાગણી આપશે.    

    દાદા દાદી પ્રત્યે પ્રેમ કેવી રીતે વ્યક્ત કરવો?    

  •     તમે તમારા દાદા દાદીને         પ્રસંગોપાત ભેટો ખરીદીને પ્રેમ દર્શાવી શકો છો.         આનાથી તેઓને પ્રેમ અને જરૂરિયાતનો અનુભવ થશે.    
  •     તમે તેમને     જન્મદિવસ જેવા         કાર્યક્રમોમાં આમંત્રિત કરીને પણ પ્રેમ વ્યક્ત કરી શકો છો.         આ તેમને તમારા જીવનનો એક ભાગ લાગે છે.    
  •     રજાઓ માટે તમારા દાદા દાદીના ઘરે જવું અથવા તેમને આમંત્રણ આપવું         એ પણ તેમને પ્રેમ બતાવવાની એક રીત છે.    
  •     તમે તમારા દાદા-દાદી માટે સમયાંતરે         તેમના માટે રસોઇ         કરીને પણ પ્રેમ વ્યક્ત કરી શકો છો .     તેઓએ તેમના જીવનનો મોટાભાગનો સમય અન્ય લોકો માટે રાંધવામાં વિતાવ્યો છે અને તરફેણ પરત કરવાથી તેઓની પ્રશંસા થશે.    
  •     તમારા દાદા દાદીને તેમના ઘરના કામકાજમાં મદદ કરવી         એ પણ પ્રેમ વ્યક્ત કરવાની એક રીત છે.    

    નિષ્કર્ષ    

    દાદા દાદી આપણા જીવનમાં ખૂબ જ મહત્વપૂર્ણ છે.     આ એટલા માટે છે કારણ કે તેમના વિના, અમે અસ્તિત્વમાં ન હોત કારણ કે તેઓએ અમને અમારા માતાપિતા આપ્યા હતા.     આથી તમારા માતા-પિતાના ઉછેર માટે તેમની પ્રશંસા કરવા માટે તમારા દાદા-દાદી સાથે પ્રેમ અને આદર સાથે વર્તવું મહત્વપૂર્ણ છે.     એવી પણ ઘણી વસ્તુઓ છે જે આપણે આપણા દાદા દાદી સાથે સમય વિતાવીને શીખી શકીએ છીએ.    

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ಅಜ್ಜಿಯರು ಒಬ್ಬರ ತಂದೆ ಅಥವಾ ತಾಯಿಯ ಪೋಷಕರು. ಅಜ್ಜಿಯರು ತಾಯಿಯ ಅಥವಾ ತಂದೆಯ ಕಡೆಯವರೂ ಆಗಿರಬಹುದು.

ತಂದೆಯ ಅಜ್ಜಿಯರು ಕುಟುಂಬದ ತಂದೆಯ ಕಡೆಯಿಂದ ಬಂದವರು ಆದರೆ ತಾಯಿಯ ಅಜ್ಜಿಯರು ಕುಟುಂಬದ ತಾಯಿಯ ಕಡೆಯಿಂದ ಬಂದವರು.

ಅವರ ವೃದ್ಧಾಪ್ಯದಿಂದಲೂ, ಅಜ್ಜಿಯರು ನಮ್ಮ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಬಹಳ ಮುಖ್ಯ. ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಂದ ನಾವು ಹಲವಾರು ಪ್ರಯೋಜನಗಳನ್ನು ಪಡೆಯಬಹುದು ಮತ್ತು ಆದ್ದರಿಂದ ಅವರೊಂದಿಗೆ ಉತ್ತಮ ಸಂಬಂಧವನ್ನು ಸ್ಥಾಪಿಸುವುದು ಮುಖ್ಯವಾಗಿದೆ.

ಅಜ್ಜಿಯರ ಪಾತ್ರ

  • ಅಜ್ಜಿಯರು ತಮ್ಮ ಮಕ್ಕಳು ಮತ್ತು ಮೊಮ್ಮಕ್ಕಳೊಂದಿಗೆ ಇತಿಹಾಸವನ್ನು ಹಂಚಿಕೊಳ್ಳುವ ಪಾತ್ರವನ್ನು ಹೊಂದಿದ್ದಾರೆ . ಅವರು ಇತರರೊಂದಿಗೆ ಹಂಚಿಕೊಳ್ಳಬಹುದಾದ ಹಿಂದಿನ ಘಟನೆಗಳೊಂದಿಗೆ ಹೆಚ್ಚು ಪರಿಚಿತರಾಗಿದ್ದಾರೆ.
  • ಅಜ್ಜ ಅಜ್ಜಿಯರು ಕೂಡ ಪೀಳಿಗೆಯ ಅಂತರವನ್ನು ನಿವಾರಿಸುತ್ತಾರೆ . ಹಳೆಯ ತಲೆಮಾರಿನ ಕಥೆಗಳನ್ನು ಹೇಳುವ ಮೂಲಕ ಈಗಿನ ಪೀಳಿಗೆಯನ್ನು ಹಳೆಯ ತಲೆಮಾರಿನವರಿಗೆ ಸಂಪರ್ಕಿಸಲು ಅವುಗಳನ್ನು ಬಳಸಬಹುದು.
  • ಅಜ್ಜಿಯರು ಮಾರ್ಗದರ್ಶಕರಾಗಿ ಕಾರ್ಯನಿರ್ವಹಿಸುತ್ತಾರೆ . ಅವರು ಅತ್ಯುತ್ತಮ ಸಲಹೆಯನ್ನು ನೀಡುವ ಮೂಲಕ ಮತ್ತು ಪ್ರತಿಭೆ ಮತ್ತು ಕನಸುಗಳನ್ನು ಪೋಷಿಸುವ ಮೂಲಕ ತಮ್ಮ ಮೊಮ್ಮಕ್ಕಳನ್ನು ಪ್ರೇರೇಪಿಸುತ್ತಾರೆ.
  • ಅಜ್ಜಿಯರು ಸಹ ಉತ್ತಮ ಸ್ನೇಹಿತರನ್ನು ಮಾಡುತ್ತಾರೆ . ಅವರು ಉತ್ತಮ ಕೇಳುಗರು ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ಮನಸ್ಥಿತಿಗಳೊಂದಿಗೆ ವ್ಯವಹರಿಸುವಾಗ ಅವರು ಹೆಚ್ಚು ತಾಳ್ಮೆಯನ್ನು ಹೊಂದಿರುತ್ತಾರೆ. ತೀರ್ಪಿನ ಸ್ವರಗಳಿಲ್ಲದೆ ಹೇಗೆ ಸಲಹೆ ನೀಡಬೇಕೆಂದು ಅವರಿಗೆ ತಿಳಿದಿದೆ.
  • ಸಲಹೆ ಮತ್ತು ಒಳನೋಟಗಳನ್ನು ನೀಡುವ ಪಾತ್ರವನ್ನು ಅಜ್ಜಿಯರು ಸಹ ಹೊಂದಿದ್ದಾರೆ . ಅವರು ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಹೆಚ್ಚಿನ ಅನುಭವಗಳನ್ನು ಹೊಂದಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಆದ್ದರಿಂದ ಅನುಭವಿ ದೃಷ್ಟಿಕೋನದಿಂದ ಉತ್ತಮ ಸಲಹೆಯನ್ನು ನೀಡುತ್ತಾರೆ.
  • ನಮ್ಮ ಹೆತ್ತವರು ಲಭ್ಯವಿಲ್ಲದಿದ್ದರೆ ಅಜ್ಜಿಯರು ಸಹ ಆರೈಕೆದಾರರಾಗಿ ಕಾರ್ಯನಿರ್ವಹಿಸಬಹುದು. ನಮ್ಮ ಪೋಷಕರು ಲಭ್ಯವಿಲ್ಲದಿದ್ದರೆ ಅವರು ಪೋಷಕರ ಪಾತ್ರವನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಬಹುದು.
  • ಅಜ್ಜಿಯರು ಸಹ ಮಾದರಿಯಾಗಬಹುದು . ಅವರು ಯಶಸ್ವಿ ಮತ್ತು ಪ್ರತಿಷ್ಠಿತ ವ್ಯಕ್ತಿಗಳಾಗಿದ್ದರೆ ಇದು ವಿಶೇಷವಾಗಿ ಸಂಭವಿಸುತ್ತದೆ. ಅನೇಕ ಮಕ್ಕಳು ತಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರನ್ನು ತಮ್ಮ ರೋಲ್ ಮಾಡೆಲ್‌ಗಳಾಗಿ ಆರಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ ಏಕೆಂದರೆ ಅವರು ಅವರೊಂದಿಗೆ ಉತ್ತಮವಾಗಿ ಸಂಪರ್ಕ ಹೊಂದಬಹುದು.
  • ಅಜ್ಜಿಯರ ಮತ್ತೊಂದು ಪಾತ್ರವೆಂದರೆ ಅವರು ನಮ್ಮ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಮತ್ತು ಸಂಪ್ರದಾಯಗಳನ್ನು ಕಲಿಯುವ ಸಾಧನವಾಗಿ ಕಾರ್ಯನಿರ್ವಹಿಸುತ್ತಾರೆ . ಅವರು ತಮ್ಮ ಮೊಮ್ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಸಾಂಪ್ರದಾಯಿಕ ಭಕ್ಷ್ಯಗಳು ಮತ್ತು ಇತರ ಸಾಂಪ್ರದಾಯಿಕ ಅಭ್ಯಾಸಗಳನ್ನು ಹೇಗೆ ಬೇಯಿಸುವುದು ಎಂದು ಕಲಿಸಬಹುದು.

ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಂದ ನಾವು ಏನು ಕಲಿಯಬಹುದು?

  • ನಾವು ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಂದ ಐತಿಹಾಸಿಕ ಘಟನೆಗಳನ್ನು ಕಲಿಯಬಹುದು . ಏಕೆಂದರೆ ಅವರು ಘಟನೆಗಳಿಗೆ ಸಾಕ್ಷಿಯಾದರು ಅಥವಾ ಐತಿಹಾಸಿಕ ಘಟನೆಗಳಿಗೆ ಸಾಕ್ಷಿಯಾದ ಯಾರಿಗಾದರೂ ಮಾಹಿತಿಯನ್ನು ನೇರವಾಗಿ ಪಡೆದರು.
  • ನಾವು ನಮ್ಮ ವಂಶಾವಳಿಯ ಬಗ್ಗೆ ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಂದ ಕಲಿಯುತ್ತೇವೆ . ನಾವು ಎಂದಿಗೂ ಭೇಟಿಯಾಗದ ನಮ್ಮ ಹಿಂದಿನ ಕುಟುಂಬದ ಸದಸ್ಯರ ಬಗ್ಗೆ ಅವರು ನಮಗೆ ಕಲಿಸಬಹುದು.
  • ಪಾಶ್ಚಾತ್ಯೀಕರಣದಿಂದಾಗಿ ನಾವು ಮರೆತಿರುವ ನಮ್ಮ ಸಂಸ್ಕೃತಿಗಳು ಮತ್ತು ಸಂಪ್ರದಾಯಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಅಜ್ಜಿಯರು ನಮಗೆ ಕಲಿಸುತ್ತಾರೆ .
  • ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರೊಂದಿಗೆ ಸಮಯ ಕಳೆಯುವುದು ನಮಗೆ ವಿವಿಧ ನೈತಿಕತೆ ಮತ್ತು ಮೌಲ್ಯಗಳನ್ನು ಕಲಿಸುತ್ತದೆ ಏಕೆಂದರೆ ಅಜ್ಜಿಯರು ಸಲಹೆ ನೀಡುವಲ್ಲಿ ಹೆಚ್ಚು ಪರಿಣತರಾಗಿದ್ದಾರೆ.

ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಗೆ ಹೇಗೆ ಚಿಕಿತ್ಸೆ ನೀಡಬೇಕು ಮತ್ತು ಕಾಳಜಿ ವಹಿಸಬೇಕು?

  • ನಾವು ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಗೆ ಅವರ ಮನೆಕೆಲಸಗಳಲ್ಲಿ ಸಹಾಯ ಮಾಡಬೇಕು . ಏಕೆಂದರೆ ಅವರು ತಮ್ಮ ವಯಸ್ಸಿನ ಕಾರಣದಿಂದ ಈ ಕೆಲಸಗಳನ್ನು ಉತ್ತಮವಾಗಿ ನಿರ್ವಹಿಸಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ.
  • ನಾವು ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರೊಂದಿಗೆ ಹೆಚ್ಚು ಸೌಜನ್ಯದಿಂದ ವರ್ತಿಸಬೇಕು. ಅವರು ಕುಟುಂಬದ ಹಿರಿಯ ಸದಸ್ಯರಾಗಿರುವುದರಿಂದ ಅವರಿಗೆ ಗೌರವವನ್ನು ತೋರಿಸುವುದು.
  • ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರ ಆರೋಗ್ಯವನ್ನು ನೀವು ಆಗಾಗ್ಗೆ ಮೇಲ್ವಿಚಾರಣೆ ಮಾಡುವುದನ್ನು ಸಹ ನೀವು ಖಚಿತಪಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು. ಏಕೆಂದರೆ ಅವರ ವಯಸ್ಸಿನೊಂದಿಗೆ, ಅವರು ಸೋಂಕುಗಳು ಮತ್ತು ರೋಗಗಳನ್ನು ಪಡೆಯುವ ಅಪಾಯಕ್ಕೆ ಹೆಚ್ಚು ಒಳಗಾಗುತ್ತಾರೆ.
  • ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರೊಂದಿಗೆ ಗುಣಮಟ್ಟದ ಸಮಯವನ್ನು ಕಳೆಯುವುದನ್ನು ನೀವು ಖಚಿತಪಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು . ನೀವು ಸ್ವೀಕರಿಸುವ ಬುದ್ಧಿವಂತಿಕೆಯಿಂದಾಗಿ ಇದು ನಿಮಗೆ ಪ್ರಯೋಜನಕಾರಿಯಾಗುವುದಿಲ್ಲ ಆದರೆ ನೀವು ಅವರಿಗೆ ಪ್ರೀತಿ ಮತ್ತು ಅಗತ್ಯವನ್ನು ಅನುಭವಿಸಲು ಸಹಾಯ ಮಾಡುತ್ತೀರಿ.
  • ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರನ್ನು ನೀವು ಪ್ರತಿ ಬಾರಿ ತಪಾಸಣೆಗೆ ಒಳಪಡಿಸಿದಾಗ ಅವರನ್ನು ಆಸ್ಪತ್ರೆಗೆ ಸೇರಿಸುವ ಮೂಲಕ ಅವರನ್ನು ನೋಡಿಕೊಳ್ಳಬಹುದು. ಇದು ಅವರಿಗೆ ಪ್ರೀತಿ ಮತ್ತು ಮೆಚ್ಚುಗೆಯ ಭಾವನೆಯನ್ನು ನೀಡುತ್ತದೆ.

ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಗೆ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸುವುದು ಹೇಗೆ?

  • ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಗೆ ಸಾಂದರ್ಭಿಕ ಉಡುಗೊರೆಗಳನ್ನು ಖರೀದಿಸುವ ಮೂಲಕ ನೀವು ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ತೋರಿಸಬಹುದು . ಇದು ಅವರಿಗೆ ಪ್ರೀತಿ ಮತ್ತು ಅಗತ್ಯದ ಭಾವನೆಯನ್ನು ನೀಡುತ್ತದೆ.
  • ಹುಟ್ಟುಹಬ್ಬದಂತಹ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳಿಗೆ ಅವರನ್ನು ಆಹ್ವಾನಿಸುವ ಮೂಲಕ ನೀವು ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಬಹುದು . ಇದರಿಂದ ಅವರು ನಿಮ್ಮ ಜೀವನದ ಭಾಗವಾಗಿ ಭಾಸವಾಗುತ್ತಾರೆ.
  • ರಜಾದಿನಗಳಿಗಾಗಿ ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರ ಮನೆಗೆ ಹೋಗುವುದು ಅಥವಾ ಅವರನ್ನು ಆಹ್ವಾನಿಸುವುದು ಸಹ ಅವರಿಗೆ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ತೋರಿಸುವ ಒಂದು ಮಾರ್ಗವಾಗಿದೆ.
  • ನೀವು ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಗೆ ಒಮ್ಮೊಮ್ಮೆ ಅಡುಗೆ ಮಾಡುವ ಮೂಲಕ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಬಹುದು . ಅವರು ತಮ್ಮ ಜೀವನದ ಬಹುಪಾಲು ಸಮಯವನ್ನು ಇತರರಿಗಾಗಿ ಅಡುಗೆ ಮಾಡುತ್ತಾರೆ ಮತ್ತು ಪರವಾಗಿ ಹಿಂದಿರುಗಿಸುವುದು ಅವರಿಗೆ ಮೆಚ್ಚುಗೆಯನ್ನು ನೀಡುತ್ತದೆ.
  • ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರಿಗೆ ಅವರ ಮನೆಕೆಲಸಗಳಲ್ಲಿ ಸಹಾಯ ಮಾಡುವುದು ಸಹ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸುವ ಒಂದು ಮಾರ್ಗವಾಗಿದೆ.

ನಮ್ಮ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಅಜ್ಜಿಯರು ಬಹಳ ಮುಖ್ಯ. ಏಕೆಂದರೆ ಅವರಿಲ್ಲದಿದ್ದರೆ ಅವರು ನಮ್ಮ ತಂದೆ ತಾಯಿಯನ್ನು ಕೊಟ್ಟಂತೆ ನಾವು ಇರುತ್ತಿರಲಿಲ್ಲ. ಆದ್ದರಿಂದ ನಿಮ್ಮ ಅಜ್ಜ-ಅಜ್ಜಿಯರನ್ನು ಪ್ರೀತಿ ಮತ್ತು ಗೌರವದಿಂದ ನೋಡಿಕೊಳ್ಳುವುದು ನಿಮ್ಮ ಹೆತ್ತವರನ್ನು ಬೆಳೆಸಿದ್ದಕ್ಕಾಗಿ ಅವರನ್ನು ಪ್ರಶಂಸಿಸಲು ಮುಖ್ಯವಾಗಿದೆ. ನಮ್ಮ ಅಜ್ಜಿಯರೊಂದಿಗೆ ಸಮಯ ಕಳೆಯುವ ಮೂಲಕ ನಾವು ಕಲಿಯಬಹುದಾದ ಬಹಳಷ್ಟು ವಿಷಯಗಳಿವೆ.

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    മുത്തച്ഛനും മുത്തശ്ശിയും    

    ഒരാളുടെ അച്ഛന്റെയോ അമ്മയുടെയോ മാതാപിതാക്കളാണ് മുത്തശ്ശിമാർ.     മുത്തശ്ശിമാർ ഒന്നുകിൽ മാതാവോ പിതാവോ ആകാം.    

    പിതാമഹൻമാർ കുടുംബത്തിന്റെ പിതാവിന്റെ ഭാഗത്തുനിന്നുള്ളവരാണ്, മാതൃ മുത്തശ്ശിമാർ കുടുംബത്തിന്റെ അമ്മയുടെ ഭാഗത്തുനിന്നുള്ളവരാണ്.    

    അവരുടെ വാർദ്ധക്യത്തിലും, മുത്തശ്ശിമാർ നമ്മുടെ ജീവിതത്തിൽ വളരെ പ്രധാനമാണ്.     നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരിൽ നിന്ന് നമുക്ക് നേടാനാകുന്ന വിവിധ ഗുണങ്ങളുണ്ട്, അതിനാൽ അവരുമായി നല്ല ബന്ധം സ്ഥാപിക്കുന്നത് പ്രധാനമാണ്.    

    മുത്തശ്ശിമാരുടെ പങ്ക്    

  •     മക്കളുമായും കൊച്ചുമക്കളുമായും         ചരിത്രം പങ്കുവെക്കുന്നതിൽ         മുത്തശ്ശിമാർക്കും പങ്കുണ്ട് .     അവർക്ക് മറ്റുള്ളവരുമായി പങ്കിടാൻ കഴിയുന്ന മുൻകാല സംഭവങ്ങൾ കൂടുതൽ പരിചിതമാണ്.    
  •         തലമുറകളുടെ വിടവുകൾ നികത്തുന്നതും         മുത്തശ്ശിമാർ തന്നെയാണ്     .     പഴയ തലമുറയെക്കുറിച്ചുള്ള കഥകൾ പറഞ്ഞുകൊണ്ട് ഇന്നത്തെ തലമുറയെ പഴയ തലമുറയുമായി ബന്ധിപ്പിക്കാൻ അവ ഉപയോഗിക്കാം.    
  •     മുത്തശ്ശിമാർ         ഉപദേശകരായി         പ്രവർത്തിക്കുന്നു .     മികച്ച ഉപദേശങ്ങൾ നൽകുന്നതിലൂടെയും കഴിവുകളെയും സ്വപ്നങ്ങളെയും പരിപോഷിപ്പിക്കുന്നതിലൂടെയും അവർ തങ്ങളുടെ കൊച്ചുമക്കളെ പ്രചോദിപ്പിക്കുന്നു.    
  •     മുത്തശ്ശിമാരും         നല്ല സുഹൃത്തുക്കളും ഉണ്ടാക്കുന്നു         .     അവർ മികച്ച ശ്രോതാക്കളാണ്, കൂടാതെ നമ്മുടെ മാനസികാവസ്ഥയുമായി ഇടപെടുമ്പോൾ അവർക്ക് കൂടുതൽ ക്ഷമയും ഉണ്ട്.     ന്യായമായ സ്വരങ്ങളില്ലാതെ എങ്ങനെ ഉപദേശം നൽകാമെന്നും അവർക്കറിയാം.    
  •         ഉപദേശങ്ങളും ഉൾക്കാഴ്ചകളും നൽകുന്നതിൽ         മുത്തശ്ശിമാർക്കും പങ്കുണ്ട്     .     അവർക്ക് ജീവിതത്തിൽ കൂടുതൽ അനുഭവങ്ങളുണ്ട്, അതിനാൽ പരിചയസമ്പന്നരായ കാഴ്ചപ്പാടിൽ നിന്ന് അവർക്ക് മികച്ച ഉപദേശം നൽകുന്നു.    
  •     നമ്മുടെ മാതാപിതാക്കൾ ലഭ്യമല്ലെങ്കിൽ മുത്തശ്ശിമാർക്കും         പരിചാരകരായി         പ്രവർത്തിക്കാം .     നമ്മുടെ മാതാപിതാക്കൾ ലഭ്യമല്ലെങ്കിൽ അവർക്ക് രക്ഷിതാവിന്റെ റോൾ എടുക്കാം.    
  •     മുത്തശ്ശിമാർക്കും         മാതൃകയാകാം         .     അവർ വിജയകരവും പ്രശസ്തരായ ആളുകളുമാണെങ്കിൽ ഇത് പ്രത്യേകിച്ചും കാര്യമാണ്.     പല കുട്ടികളും അവരുടെ മുത്തശ്ശിമാരെ അവരുടെ റോൾ മോഡലുകളായി തിരഞ്ഞെടുക്കുന്നു, കാരണം അവർക്ക് അവരുമായി നന്നായി ബന്ധപ്പെടാൻ കഴിയും.    
  •         നമ്മുടെ സംസ്കാരവും പാരമ്പര്യവും പഠിക്കാനുള്ള         ഒരു ഉപാധിയായി അവർ പ്രവർത്തിക്കുന്നു എന്നതാണ് മുത്തശ്ശിമാരുടെ മറ്റൊരു പങ്ക്     .     പരമ്പരാഗത വിഭവങ്ങളും മറ്റ് പരമ്പരാഗത രീതികളും എങ്ങനെ പാചകം ചെയ്യാമെന്ന് അവർക്ക് അവരുടെ കൊച്ചുമക്കളെ പഠിപ്പിക്കാൻ കഴിയും.    

    നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരിൽ നിന്ന് നമുക്ക് എന്ത് പഠിക്കാനാകും?    

  •     നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരിൽ നിന്ന്         ചരിത്രപരമായ സംഭവങ്ങളെക്കുറിച്ച്         പഠിക്കാം .     കാരണം, ഒന്നുകിൽ അവർ സംഭവങ്ങൾക്ക് സാക്ഷ്യം വഹിക്കുന്നു അല്ലെങ്കിൽ ചരിത്ര സംഭവങ്ങൾക്ക് സാക്ഷിയായ ഒരാളിൽ നിന്ന് അവർക്ക് വിവരങ്ങൾ നേരിട്ട് ലഭിച്ചു.    
  •     നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരിൽ നിന്ന് നമ്മുടെ         വംശാവലിയെക്കുറിച്ച്         പഠിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു .     നമ്മൾ ഒരിക്കലും കണ്ടിട്ടില്ലാത്ത നമ്മുടെ മുൻകാല കുടുംബാംഗങ്ങളെക്കുറിച്ച് അവർക്ക് ഞങ്ങളെ പഠിപ്പിക്കാൻ കഴിയും.    
  •     പാശ്ചാത്യവൽക്കരണം മൂലം നമ്മൾ മറന്നുപോയേക്കാവുന്ന നമ്മുടെ         സംസ്കാരങ്ങളെയും പാരമ്പര്യങ്ങളെയും         കുറിച്ച് മുത്തശ്ശിമാർ നമ്മെ പഠിപ്പിക്കുന്നു .    
  •     മുത്തശ്ശിമാർക്കൊപ്പം സമയം ചെലവഴിക്കുന്നത്         വിവിധ ധാർമ്മികതകളെയും മൂല്യങ്ങളെയും         കുറിച്ച് നമ്മെ പഠിപ്പിക്കുന്നു, കാരണം മുത്തശ്ശിമാർ ഉപദേശം നൽകുന്നതിൽ കൂടുതൽ വൈദഗ്ധ്യമുള്ളവരാണ്.    

    നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരോട് എങ്ങനെ പെരുമാറണം, പരിപാലിക്കണം?    

  •     നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരെ അവരുടെ         വീട്ടുജോലികളിൽ         സഹായിക്കണം .     കാരണം, പ്രായമായതിനാൽ അവർക്ക് ഈ ജോലികൾ നന്നായി ചെയ്യാൻ കഴിയില്ല.    
  •     നമ്മൾ മുത്തശ്ശിമാരോട്         കൂടുതൽ മര്യാദയുള്ളവരായിരിക്കണം         .     കുടുംബത്തിലെ മുതിർന്ന അംഗങ്ങളായതിനാൽ അവരോട് ബഹുമാനം കാണിക്കാനാണിത്.    
  •     നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാരുടെ         ആരോഗ്യം നിങ്ങൾ ഇടയ്ക്കിടെ നിരീക്ഷിക്കുന്നുണ്ടെന്ന്         ഉറപ്പാക്കുകയും വേണം .     കാരണം, പ്രായത്തിനനുസരിച്ച് അവർക്ക് അണുബാധകളും രോഗങ്ങളും പിടിപെടാനുള്ള സാധ്യത കൂടുതലാണ്.    
  •     നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാർക്കൊപ്പം         ഗുണനിലവാരമുള്ള സമയം ചെലവഴിക്കുന്നുണ്ടെന്ന്         ഉറപ്പാക്കുകയും വേണം .     നിങ്ങൾക്ക് ലഭിക്കുന്ന ജ്ഞാനം കാരണം ഇത് നിങ്ങൾക്ക് പ്രയോജനകരമാകുമെന്ന് മാത്രമല്ല, അവരെ സ്നേഹിക്കാനും ആവശ്യാനുസരണം തോന്നാനും നിങ്ങൾ അവരെ സഹായിക്കും.    
  •     നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാരെയും മുത്തശ്ശിമാരെയും     ഓരോ തവണ ചെക്കപ്പിനു വിധേയരാക്കുമ്പോഴും         ആശുപത്രിയിൽ അവരെ അനുഗമിച്ചും അവരെ പരിപാലിക്കാം.         ഇത് അവർക്ക് സ്നേഹത്തിന്റെയും അഭിനന്ദനത്തിന്റെയും വികാരം നൽകും.    

    നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാരോട് എങ്ങനെ സ്നേഹം പ്രകടിപ്പിക്കാം?    

  •     നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാർക്കും മുത്തശ്ശിക്കും         ഇടയ്ക്കിടെ സമ്മാനങ്ങൾ വാങ്ങിക്കൊടുക്കുന്നതിലൂടെ നിങ്ങൾക്ക് അവരോട് സ്നേഹം പ്രകടിപ്പിക്കാം.         ഇത് അവരെ സ്നേഹിക്കുന്നുവെന്നും ആവശ്യമാണെന്നും തോന്നും.    
  •     ജന്മദിനം പോലുള്ള         പരിപാടികളിലേക്ക് അവരെ ക്ഷണിച്ചുകൊണ്ട്         നിങ്ങൾക്ക് സ്നേഹം പ്രകടിപ്പിക്കാനും കഴിയും .     ഇത് അവരെ നിങ്ങളുടെ ജീവിതത്തിന്റെ ഭാഗമായി തോന്നിപ്പിക്കുന്നു.    
  •     അവധിക്ക് നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാരുടെ വീട്ടിൽ പോകുകയോ അവരെ ക്ഷണിക്കുകയോ ചെയ്യുന്നത്         അവരോട് സ്നേഹം പ്രകടിപ്പിക്കുന്നതിനുള്ള ഒരു മാർഗമാണ്.    
  •     നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശീമുത്തശ്ശന്മാർക്ക്     ഒരിക്കലെങ്കിലും         പാചകം ചെയ്തും അവരോടുള്ള സ്നേഹം പ്രകടിപ്പിക്കാം.         അവർ തങ്ങളുടെ ജീവിതത്തിന്റെ ഭൂരിഭാഗവും മറ്റുള്ളവർക്കായി പാചകം ചെയ്യുന്നതിനായി ചെലവഴിച്ചു, ഒപ്പം ഉപകാരം തിരികെ നൽകുന്നത് അവരെ അഭിനന്ദിക്കും.    
  •     നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാരെ അവരുടെ വീട്ടുജോലികളിൽ സഹായിക്കുന്നതും         സ്നേഹം പ്രകടിപ്പിക്കുന്നതിനുള്ള ഒരു മാർഗമാണ്.    

    ഉപസംഹാരം    

    മുത്തശ്ശിമാർ നമ്മുടെ ജീവിതത്തിൽ വളരെ പ്രധാനമാണ്.     കാരണം, അവർ ഇല്ലായിരുന്നെങ്കിൽ, അവർ നമ്മുടെ മാതാപിതാക്കളെ ഞങ്ങൾക്ക് നൽകിയതുപോലെ ഞങ്ങൾ നിലനിൽക്കില്ലായിരുന്നു.     അതിനാൽ നിങ്ങളുടെ മാതാപിതാക്കളെ വളർത്തിയതിന് അവരെ അഭിനന്ദിക്കാൻ നിങ്ങളുടെ മുത്തശ്ശിമാരോട് സ്നേഹത്തോടും ബഹുമാനത്തോടും പെരുമാറേണ്ടത് പ്രധാനമാണ്.     നമ്മുടെ മുത്തശ്ശിമാർക്കൊപ്പം സമയം ചിലവഴിക്കുന്നതിലൂടെ നമുക്ക് പഠിക്കാൻ കഴിയുന്ന ഒരുപാട് കാര്യങ്ങളുണ്ട്.    

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    आजी आजोबा    

    आजी-आजोबा हे एखाद्याच्या वडिलांचे किंवा आईचे पालक असतात.     आजी आजोबा एकतर मातृ किंवा पितृ असू शकतात.    

    आजी-आजोबा हे कुटुंबातील वडिलांच्या बाजूचे असतात तर आजी-आजोबा हे कुटुंबातील आईच्या बाजूचे असतात.    

    म्हातारपणातही आजी-आजोबा आपल्या आयुष्यात खूप महत्त्वाचे असतात.     आपल्या आजी-आजोबांकडून आपल्याला विविध फायदे मिळू शकतात आणि म्हणूनच त्यांच्याशी चांगले संबंध प्रस्थापित करणे महत्त्वाचे आहे.    

    आजी-आजोबांची भूमिका    

  •     आजी-आजोबांची भूमिका     त्यांच्या मुलांसोबत आणि नातवंडांना         इतिहास शेअर करण्याची असते.         ते भूतकाळातील घटनांशी अधिक परिचित आहेत जे ते इतरांसह सामायिक करू शकतात.    
  •     आजी-आजोबा देखील         पिढीतील अंतर भरून काढतात         .     जुन्या पिढीच्या कथा कथन करून त्यांचा उपयोग आताच्या पिढीला जुन्या पिढीशी जोडण्यासाठी केला जाऊ शकतो.    
  •     आजी-आजोबा         मार्गदर्शक         म्हणून काम करतात .     ते त्यांच्या नातवंडांना उत्कृष्ट सल्ला देऊन आणि प्रतिभा आणि स्वप्नांचे पालनपोषण करून प्रेरित करतात.    
  •     आजी-आजोबा देखील         चांगले मित्र बनवतात         .     ते चांगले श्रोते आहेत आणि जेव्हा आपल्या मनःस्थितीला सामोरे जावे लागते तेव्हा त्यांच्याकडे अधिक संयम असतो.     निर्णय न घेता सल्ला कसा द्यावा हे देखील त्यांना माहित आहे.    
  •         सल्ला आणि अंतर्दृष्टी देण्याची         भूमिका आजोबांची देखील असते     .     त्यांना जीवनात अधिक अनुभव आहेत आणि म्हणूनच ते अनुभवी दृष्टिकोनातून उत्तम सल्ला देतात.    
  •     आमचे पालक उपलब्ध नसल्यास     आजी आजोबा देखील         काळजीवाहू म्हणून काम करू शकतात.         आमचे पालक उपलब्ध नसल्यास ते पालक होण्याची भूमिका घेऊ शकतात.    
  •     आजी-आजोबा देखील         आदर्श         असू शकतात .     जर ते यशस्वी आणि प्रतिष्ठित लोक असतील तर हे विशेषतः प्रकरण आहे.     अनेक मुले त्यांच्या आजी-आजोबांना त्यांचे आदर्श म्हणून निवडतात कारण ते त्यांच्याशी अधिक चांगले जोडू शकतात.    
  •     आजी-आजोबांची आणखी एक भूमिका म्हणजे ते         आपली संस्कृती आणि परंपरा शिकण्याचे साधन         म्हणून काम करतात .     ते त्यांच्या नातवंडांना पारंपारिक पदार्थ आणि इतर पारंपारिक पद्धती कशा शिजवायच्या हे शिकवू शकतात.    

    आपल्या आजी-आजोबांकडून आपण काय शिकू शकतो?    

  •     आपण आपल्या आजी-आजोबांकडून         ऐतिहासिक घडामोडी         शिकू शकतो .     याचे कारण असे की त्यांनी एकतर घडामोडी पाहिल्या आहेत किंवा ऐतिहासिक घटनांचा साक्षीदार असलेल्या एखाद्या व्यक्तीकडून त्यांना प्रथम माहिती मिळाली आहे.    
  •     आम्ही आमच्या आजी-आजोबांकडून आमच्या         वंशावळीबद्दल         शिकतो .     ते आम्हाला आमच्या भूतकाळातील कुटुंबातील सदस्यांबद्दल शिकवू शकतात ज्यांना आम्ही कधीही भेटलो नाही.    
  •         आजी-आजोबा आपल्याला आपल्या संस्कृती आणि परंपरांबद्दल         शिकवतात     ज्या पाश्चिमात्यीकरणामुळे आपण विसरलो आहोत.    
  •     आजी-आजोबांसोबत वेळ घालवल्याने आपल्याला         विविध नैतिकता आणि मूल्ये         शिकवतात कारण आजी-आजोबा सल्ला देण्यात अधिक कुशल असतात.    

    आपल्या आजी-आजोबांना कसे वागवावे आणि त्यांची काळजी कशी घ्यावी?    

  •     आपण आपल्या आजी-आजोबांना त्यांच्या         घरातील कामात         मदत केली पाहिजे .     कारण त्यांच्या वयामुळे त्यांना ही कामे फार चांगली करता येत नाहीत.    
  •     आपण     आपल्या आजी- आजोबांशी देखील         अधिक सभ्य असले पाहिजे.         ते कुटुंबातील ज्येष्ठ सदस्य असल्याने त्यांना आदर दाखवण्यासाठी हे आहे.    
  •     आपण हे देखील सुनिश्चित केले पाहिजे की आपण     आपल्या आजी-आजोबांच्या         आरोग्यावर वारंवार लक्ष ठेवत आहात.         याचे कारण असे की त्यांच्या वयानुसार, त्यांना संसर्ग आणि रोग होण्याचा धोका अधिक असतो.    
  •     तुम्ही तुमच्या आजी-आजोबांसोबत         दर्जेदार वेळ घालवता         याचीही खात्री करावी .     तुम्हाला मिळालेल्या शहाणपणामुळे हे केवळ तुमच्यासाठी फायदेशीर ठरणार नाही तर तुम्ही त्यांना प्रेम आणि आवश्यक वाटण्यास मदत कराल.    
  •     तुम्ही तुमच्या आजी- आजोबांची प्रत्येक वेळी तपासणी करताना त्यांना         रुग्णालयात घेऊन त्यांची         काळजी घेऊ शकता .     हे त्यांना प्रेम आणि कौतुकाची भावना देईल.    

    आपल्या आजी-आजोबांवर प्रेम कसे व्यक्त करावे?    

  •         तुम्ही तुमच्या आजी-आजोबांना अधूनमधून भेटवस्तू खरेदी         करून प्रेम दाखवू शकता .     हे त्यांना प्रेम आणि आवश्यक वाटेल.    
  •     वाढदिवसासारख्या         कार्यक्रमांना आमंत्रित         करूनही तुम्ही प्रेम व्यक्त करू शकता .     यामुळे त्यांना तुमच्या आयुष्याचा एक भाग वाटतो.    
  •     सुट्टीसाठी तुमच्या आजी-आजोबांच्या घरी जाणे किंवा त्यांना निमंत्रित करणे         हा देखील त्यांना प्रेम दाखवण्याचा एक मार्ग आहे.    
  •         तुम्ही तुमच्या आजी-आजोबांसाठी वेळोवेळी स्वयंपाक करून त्यांच्याबद्दल         प्रेम व्यक्त करू शकता     .     त्यांनी त्यांचे बहुतेक आयुष्य इतरांसाठी स्वयंपाक करण्यात घालवले आहे आणि अनुकूलता परत केल्याने त्यांचे कौतुक होईल.    
  •     तुमच्या आजी-आजोबांना त्यांच्या घरातील कामात मदत करणे         हा देखील प्रेम व्यक्त करण्याचा एक मार्ग आहे.    

    निष्कर्ष    

    आजी-आजोबा आपल्या आयुष्यात खूप महत्वाचे आहेत.     कारण त्यांनी आम्हाला आमचे पालक दिले तसे त्यांच्याशिवाय आमचे अस्तित्वच राहिले नसते.     त्यामुळे तुमच्या आईवडिलांचे पालनपोषण केल्याबद्दल त्यांचे कौतुक करण्यासाठी तुमच्या आजी-आजोबांशी प्रेम आणि आदराने वागणे महत्त्वाचे आहे.     आपल्या आजी-आजोबांसोबत वेळ घालवून आपण अनेक गोष्टी शिकू शकतो.    

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ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਕਿਸੇ ਦੇ ਪਿਤਾ ਜਾਂ ਮਾਤਾ ਦੇ ਮਾਪੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਜਾਂ ਤਾਂ ਮਾਤਾ ਜਾਂ ਪਿਤਾ ਦੇ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ।

ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਉਹ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਪਿਤਾ ਦੇ ਪੱਖ ਤੋਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਨਾਨਾ-ਨਾਨੀ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਮਾਤਾ ਦੇ ਪੱਖ ਤੋਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ।

ਆਪਣੇ ਬੁਢਾਪੇ ਦੇ ਨਾਲ, ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ. ਇੱਥੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲਾਭ ਹਨ ਜੋ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਚੰਗਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਸਥਾਪਤ ਕਰਨਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ।

ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ

  • ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਅਤੇ ਪੋਤੇ-ਪੋਤੀਆਂ ਨਾਲ ਇਤਿਹਾਸ ਸਾਂਝਾ ਕਰਨ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉਹ ਪਿਛਲੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਜਾਣੂ ਹਨ ਜੋ ਉਹ ਦੂਜਿਆਂ ਨਾਲ ਸਾਂਝਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਵੀ ਪੀੜ੍ਹੀਆਂ ਦੇ ਅੰਤਰ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਪੁਰਾਣੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਬਾਰੇ ਕਹਾਣੀਆਂ ਸੁਣਾ ਕੇ ਅਜੋਕੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨੂੰ ਪੁਰਾਣੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨਾਲ ਜੋੜਨ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਸਲਾਹਕਾਰ ਵਜੋਂ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਆਪਣੇ ਪੋਤੇ-ਪੋਤੀਆਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਸਲਾਹ ਦੇ ਕੇ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ਅਤੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਪੋਸ਼ਣ ਕਰਕੇ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਵੀ ਬਿਹਤਰ ਦੋਸਤ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਬਿਹਤਰ ਸੁਣਨ ਵਾਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਸਾਡੇ ਮੂਡ ਨਾਲ ਨਜਿੱਠਣ ਦੀ ਗੱਲ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕੋਲ ਵਧੇਰੇ ਧੀਰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਉਹ ਇਹ ਵੀ ਜਾਣਦੇ ਹਨ ਕਿ ਨਿਰਣਾਇਕ ਸੁਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਸਲਾਹ ਕਿਵੇਂ ਦੇਣੀ ਹੈ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੀ ਵੀ ਸਲਾਹ ਅਤੇ ਸੂਝ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਕੋਲ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਤਜਰਬੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸਲਈ ਇੱਕ ਤਜਰਬੇਕਾਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਸਲਾਹ ਦਿੰਦੇ ਹਨ.
  • ਜੇ ਸਾਡੇ ਮਾਪੇ ਉਪਲਬਧ ਨਹੀਂ ਹਨ ਤਾਂ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਵੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਵਜੋਂ ਕੰਮ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਜੇਕਰ ਸਾਡੇ ਮਾਪੇ ਉਪਲਬਧ ਨਾ ਹੋਣ ਤਾਂ ਉਹ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਹੋਣ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾ ਸਕਦੇ ਹਨ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਵੀ ਰੋਲ ਮਾਡਲ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਖਾਸ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੇਸ ਹੈ ਜੇਕਰ ਉਹ ਸਫਲ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਸ਼ਠਾਵਾਨ ਲੋਕ ਹਨ. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਬੱਚੇ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਰੋਲ ਮਾਡਲ ਵਜੋਂ ਚੁਣਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਬਿਹਤਰ ਢੰਗ ਨਾਲ ਜੁੜ ਸਕਦੇ ਹਨ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੀ ਇੱਕ ਹੋਰ ਭੂਮਿਕਾ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਸਾਡੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਅਤੇ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ ਨੂੰ ਸਿੱਖਣ ਦੇ ਇੱਕ ਸਾਧਨ ਵਜੋਂ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਆਪਣੇ ਪੋਤੇ-ਪੋਤੀਆਂ ਨੂੰ ਇਹ ਸਿਖਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਕਿ ਕਿਵੇਂ ਰਵਾਇਤੀ ਪਕਵਾਨ ਬਣਾਉਣੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹੋਰ ਰਵਾਇਤੀ ਅਭਿਆਸਾਂ।

ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਤੋਂ ਕੀ ਸਿੱਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ?

  • ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਤੋਂ ਇਤਿਹਾਸਕ ਘਟਨਾਵਾਂ ਬਾਰੇ ਸਿੱਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਇਹ ਇਸ ਲਈ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਜਾਂ ਤਾਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਦੇਖਿਆ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਇਤਿਹਾਸਕ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਗਵਾਹ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ।
  • ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਤੋਂ ਆਪਣੀ ਵੰਸ਼ਾਵਲੀ ਬਾਰੇ ਵੀ ਸਿੱਖਦੇ ਹਾਂ । ਉਹ ਸਾਨੂੰ ਸਾਡੇ ਪਿਛਲੇ ਪਰਿਵਾਰਕ ਮੈਂਬਰਾਂ ਬਾਰੇ ਸਿਖਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਕਦੇ ਨਹੀਂ ਮਿਲੇ।
  • ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਸਾਨੂੰ ਸਾਡੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰਾਂ ਅਤੇ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ ਬਾਰੇ ਵੀ ਸਿਖਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਅਸੀਂ ਪੱਛਮੀਕਰਨ ਕਾਰਨ ਭੁੱਲ ਗਏ ਹਾਂ।
  • ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨਾਲ ਸਮਾਂ ਬਿਤਾਉਣਾ ਸਾਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਨੈਤਿਕਤਾ ਅਤੇ ਕਦਰਾਂ-ਕੀਮਤਾਂ ਬਾਰੇ ਵੀ ਸਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਸਲਾਹ ਦੇਣ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਹੁਨਰਮੰਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ।

ਸਾਡੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦਾ ਇਲਾਜ ਅਤੇ ਦੇਖਭਾਲ ਕਿਵੇਂ ਕਰੀਏ?

  • ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੇ ਘਰ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਇਸ ਲਈ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਆਪਣੀ ਉਮਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਇਹ ਕੰਮ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ।
  • ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਪ੍ਰਤੀ ਵਧੇਰੇ ਨਿਮਰਤਾ ਨਾਲ ਪੇਸ਼ ਆਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਆਦਰ ਕਰਨ ਲਈ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਬਜ਼ੁਰਗ ਮੈਂਬਰ ਹਨ।
  • ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਅਕਸਰ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੀ ਸਿਹਤ ਦੀ ਨਿਗਰਾਨੀ ਕਰਦੇ ਹੋ। ਇਹ ਇਸ ਲਈ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਮਰ ਦੇ ਨਾਲ, ਉਹ ਲਾਗਾਂ ਅਤੇ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਨ ਦੇ ਖ਼ਤਰੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ।
  • ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨਾਲ ਵਧੀਆ ਸਮਾਂ ਬਿਤਾਉਂਦੇ ਹੋ । ਇਹ ਤੁਹਾਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਈ ਬੁੱਧੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੋਵੇਗਾ ਬਲਕਿ ਤੁਸੀਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਲੋੜ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਵੀ ਮਦਦ ਕਰੋਗੇ।
  • ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੀ ਹਰ ਵਾਰ ਜਾਂਚ ਕਰਨ ਵੇਲੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਹਸਪਤਾਲ ਜਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਵੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ । ਇਸ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਕਦਰਦਾਨੀ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਮਿਲੇਗੀ।

ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਲਈ ਪਿਆਰ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਕਿਵੇਂ ਕਰੀਏ?

  • ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨੂੰ ਕਦੇ-ਕਦਾਈਂ ਤੋਹਫ਼ੇ ਖਰੀਦ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਦਿਖਾ ਸਕਦੇ ਹੋ । ਇਸ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਲੋੜ ਮਹਿਸੂਸ ਹੋਵੇਗੀ।
  • ਤੁਸੀਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜਨਮਦਿਨ ਵਰਗੇ ਸਮਾਗਮਾਂ ਵਿੱਚ ਬੁਲਾ ਕੇ ਵੀ ਪਿਆਰ ਦਾ ਇਜ਼ਹਾਰ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ । ਇਹ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਤੁਹਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਇੱਕ ਹਿੱਸਾ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦਾ ਹੈ।
  • ਛੁੱਟੀਆਂ ਮਨਾਉਣ ਲਈ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਦੇ ਘਰ ਜਾਣਾ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੱਦਾ ਦੇਣਾ ਵੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਦਿਖਾਉਣ ਦਾ ਇੱਕ ਤਰੀਕਾ ਹੈ।
  • ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਲਈ ਇੱਕ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਖਾਣਾ ਬਣਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਪਿਆਰ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਵੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਬਹੁਤਾ ਹਿੱਸਾ ਦੂਜਿਆਂ ਲਈ ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਵਿਚ ਬਿਤਾਇਆ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪੱਖ ਵਾਪਸ ਕਰਨ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸ਼ਲਾਘਾ ਹੋਵੇਗੀ।
  • ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਘਰ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਕਰਨਾ ਵੀ ਪਿਆਰ ਜ਼ਾਹਰ ਕਰਨ ਦਾ ਇੱਕ ਤਰੀਕਾ ਹੈ।

ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਇਸ ਲਈ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ, ਸਾਡੀ ਹੋਂਦ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਜਿਵੇਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਸਾਡੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦਿੱਤੇ ਸਨ। ਇਸ ਲਈ ਆਪਣੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੀ ਪਰਵਰਿਸ਼ ਕਰਨ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਦਰ ਕਰਨ ਲਈ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਸਤਿਕਾਰ ਨਾਲ ਪੇਸ਼ ਆਉਣਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ। ਇੱਥੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵੀ ਹਨ ਜੋ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਦਾਦਾ-ਦਾਦੀ ਨਾਲ ਸਮਾਂ ਬਿਤਾ ਕੇ ਸਿੱਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।

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தாத்தா பாட்டி

தாத்தா பாட்டி ஒருவரின் தந்தை அல்லது தாயின் பெற்றோர். தாத்தா பாட்டி தாய்வழி அல்லது தந்தைவழியாக இருக்கலாம்.

தந்தைவழி தாத்தா பாட்டி குடும்பத்தின் தந்தையின் பக்கத்தைச் சேர்ந்தவர்கள், தாய்வழி தாத்தா பாட்டி குடும்பத்தின் தாயின் பக்கத்தைச் சேர்ந்தவர்கள்.

வயதானாலும், தாத்தா பாட்டி நம் வாழ்வில் மிகவும் முக்கியமானவர்கள். நம் தாத்தா பாட்டிகளிடமிருந்து நாம் பெறக்கூடிய பல்வேறு நன்மைகள் உள்ளன, எனவே அவர்களுடன் நல்ல உறவை ஏற்படுத்துவது முக்கியம்.

தாத்தா பாட்டி பங்கு

  • தாத்தா பாட்டிகளுக்கு தங்கள் குழந்தைகள் மற்றும் பேரக்குழந்தைகளுடன் வரலாற்றைப் பகிர்ந்து கொள்வதில் பங்கு உண்டு. அவர்கள் மற்றவர்களுடன் பகிர்ந்து கொள்ளக்கூடிய கடந்த கால நிகழ்வுகளை அவர்கள் நன்கு அறிந்திருக்கிறார்கள்.
  • தாத்தா பாட்டிகளும் தலைமுறை இடைவெளிகளைக் குறைக்கிறார்கள் . பழைய தலைமுறையைப் பற்றிய கதைகளைச் சொல்வதன் மூலம் தற்போதைய தலைமுறையை பழைய தலைமுறையுடன் இணைக்க அவற்றைப் பயன்படுத்தலாம்.
  • தாத்தா பாட்டி வழிகாட்டியாக செயல்படுகிறார்கள் . சிறந்த ஆலோசனைகளை வழங்குவதன் மூலமும் திறமைகள் மற்றும் கனவுகளை வளர்ப்பதன் மூலமும் அவர்கள் தங்கள் பேரக்குழந்தைகளை ஊக்குவிக்கிறார்கள்.
  • தாத்தா பாட்டிகளும் சிறந்த நண்பர்களை உருவாக்குகிறார்கள் . அவர்கள் சிறந்த கேட்பவர்கள் மற்றும் நமது மனநிலையைக் கையாளும் போது அவர்களுக்கு அதிக பொறுமையும் உள்ளது. நியாயமான தொனிகள் இல்லாமல் எப்படி ஆலோசனை வழங்குவது என்பது அவர்களுக்குத் தெரியும்.
  • தாத்தா பாட்டிகளுக்கு அறிவுரைகள் மற்றும் நுண்ணறிவுகளை வழங்குவதில் பங்கு உள்ளது . அவர்கள் வாழ்க்கையில் அதிக அனுபவங்களைக் கொண்டுள்ளனர், எனவே அனுபவமிக்க பார்வையில் சிறந்த ஆலோசனைகளை வழங்குகிறார்கள்.
  • நம் பெற்றோர் கிடைக்கவில்லை என்றால் தாத்தா பாட்டிகளும் பராமரிப்பாளர்களாக செயல்படலாம் . நம் பெற்றோர்கள் கிடைக்காவிட்டால் அவர்கள் பெற்றோர் என்ற பாத்திரத்தை எடுத்துக் கொள்ளலாம்.
  • தாத்தா பாட்டிகளும் முன்மாதிரியாக இருக்க முடியும் . அவர்கள் வெற்றிகரமான மற்றும் மரியாதைக்குரிய நபர்களாக இருந்தால் இது குறிப்பாக வழக்கு. பல குழந்தைகள் தங்கள் தாத்தா பாட்டிகளுடன் சிறந்த முறையில் தொடர்பு கொள்ள முடியும் என்பதால், அவர்களின் முன்மாதிரியாகத் தேர்ந்தெடுக்கிறார்கள்.
  • தாத்தா பாட்டிகளின் மற்றொரு பங்கு என்னவென்றால், அவர்கள் நமது கலாச்சாரம் மற்றும் பாரம்பரியங்களைக் கற்றுக்கொள்வதற்கான வழிமுறையாக செயல்படுகிறார்கள் . பாரம்பரிய உணவுகள் மற்றும் பிற பாரம்பரிய நடைமுறைகளை எப்படி சமைக்க வேண்டும் என்பதை அவர்கள் தங்கள் பேரக்குழந்தைகளுக்கு கற்பிக்க முடியும்.

நம் தாத்தா பாட்டிகளிடமிருந்து நாம் என்ன கற்றுக்கொள்ளலாம்?

  • நமது தாத்தா பாட்டிகளிடம் இருந்து வரலாற்று நிகழ்வுகளை அறிந்து கொள்ளலாம் . ஏனென்றால், அவர்கள் சம்பவங்களை நேரில் பார்த்தார்கள் அல்லது வரலாற்று நிகழ்வுகளை நேரில் பார்த்த ஒருவரிடமிருந்து தகவல்களைப் பெற்றனர்.
  • நமது தாத்தா பாட்டிகளிடம் இருந்தும் நமது பரம்பரை பற்றி அறிந்து கொள்கிறோம் . நாம் ஒருபோதும் சந்திக்காத எங்கள் கடந்தகால குடும்ப உறுப்பினர்களைப் பற்றி அவர்கள் நமக்குக் கற்பிக்க முடியும்.
  • மேற்கத்தியமயமாக்கல் காரணமாக நாம் மறந்துவிட்ட நமது கலாச்சாரங்கள் மற்றும் பாரம்பரியங்களைப் பற்றியும் தாத்தா பாட்டி நமக்குக் கற்பிக்கிறார்கள் .
  • நமது தாத்தா பாட்டிகளுடன் நேரத்தை செலவிடுவது பல்வேறு ஒழுக்கங்கள் மற்றும் மதிப்புகளை நமக்குக் கற்பிக்கிறது, ஏனெனில் தாத்தா பாட்டி அறிவுரைகளை வழங்குவதில் திறமையானவர்கள்.

எங்கள் தாத்தா பாட்டிகளை எவ்வாறு நடத்துவது மற்றும் கவனித்துக்கொள்வது?

  • நம் தாத்தா பாட்டியின் வீட்டு வேலைகளுக்கு உதவ வேண்டும் . ஏனென்றால், வயதின் காரணமாக அவர்களால் இந்த வேலைகளைச் சிறப்பாகச் செய்ய முடியாது.
  • நாம் நம் தாத்தா பாட்டிகளிடம் மிகவும் கண்ணியமாக இருக்க வேண்டும். குடும்பத்தில் மூத்தவர்கள் என்பதால் அவர்களுக்கு மரியாதை காட்டவே இது.
  • உங்கள் தாத்தா, பாட்டியின் உடல்நிலையை அடிக்கடி கண்காணிப்பதையும் உறுதி செய்ய வேண்டும் . ஏனென்றால், அவர்களின் வயதைக் கொண்டு, அவர்கள் தொற்றுநோய்கள் மற்றும் நோய்களைப் பெறுவதற்கான ஆபத்து அதிகம்.
  • உங்கள் தாத்தா பாட்டிகளுடன் தரமான நேரத்தை செலவிடுவதையும் நீங்கள் உறுதி செய்ய வேண்டும் . நீங்கள் பெறும் ஞானத்தின் காரணமாக இது உங்களுக்கு நன்மை பயக்கும், ஆனால் அவர்கள் நேசிக்கப்படுவதற்கும் தேவைப்படுவதற்கும் நீங்கள் உதவுவீர்கள்.
  • ஒவ்வொரு முறையும் உங்கள் தாத்தா பாட்டி பரிசோதனை செய்யும் போது மருத்துவமனைக்கு அழைத்துச் செல்வதன் மூலம் அவர்களைக் கவனித்துக் கொள்ளலாம் . இது அவர்களுக்கு அன்பையும் பாராட்டு உணர்வையும் தரும்.

நம் தாத்தா பாட்டியிடம் அன்பை வெளிப்படுத்துவது எப்படி?

  • உங்கள் தாத்தா பாட்டிகளுக்கு அவ்வப்போது பரிசுகளை வாங்கிக் கொடுப்பதன் மூலம் அன்பைக் காட்டலாம். இது அவர்கள் நேசிக்கப்படுவதையும் தேவைப்படுவதையும் உணர வைக்கும்.
  • பிறந்தநாள் போன்ற நிகழ்ச்சிகளுக்கு அவர்களை அழைத்து அன்பையும் வெளிப்படுத்தலாம் . இது உங்கள் வாழ்க்கையின் ஒரு பகுதியாக அவர்களை உணர வைக்கிறது.
  • விடுமுறைக்கு உங்கள் தாத்தா பாட்டி வீட்டிற்குச் செல்வது அல்லது அவர்களை அழைப்பது அவர்களுக்கு அன்பைக் காட்டுவதற்கான ஒரு வழியாகும்.
  • உங்கள் தாத்தா, பாட்டிகளுக்கு ஒரு முறை சமைப்பதன் மூலமும் அன்பை வெளிப்படுத்தலாம். அவர்கள் தங்கள் வாழ்நாளின் பெரும்பகுதியை மற்றவர்களுக்கு சமைப்பதில் செலவழித்துள்ளனர், மேலும் அன்பைத் திருப்பித் தருவது அவர்களைப் பாராட்டுவதாக உணர வைக்கும்.
  • உங்கள் தாத்தா பாட்டியின் வீட்டு வேலைகளில் அவர்களுக்கு உதவுவதும் அன்பை வெளிப்படுத்தும் ஒரு வழியாகும்.

தாத்தா பாட்டி நம் வாழ்வில் மிகவும் முக்கியமானவர்கள். ஏனென்றால், அவர்கள் இல்லாமல், அவர்கள் எங்கள் பெற்றோரைக் கொடுத்தது போல் நாங்கள் இருந்திருக்க மாட்டோம். எனவே உங்கள் தாத்தா பாட்டியை அன்புடனும் மரியாதையுடனும் நடத்துவது முக்கியம், உங்கள் பெற்றோரை வளர்ப்பதற்காக அவர்களைப் பாராட்ட வேண்டும். நம் தாத்தா பாட்டிகளுடன் நேரத்தை செலவிடுவதன் மூலம் நாம் கற்றுக்கொள்ளக்கூடிய விஷயங்கள் நிறைய உள்ளன.

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తాతామామలు ఒకరి తండ్రి లేదా తల్లికి తల్లిదండ్రులు. తాతలు తల్లి లేదా తండ్రి కావచ్చు.

తండ్రి తరపు తాతలు కుటుంబం యొక్క తండ్రి వైపు నుండి వచ్చినవారు అయితే తల్లి తాతలు కుటుంబం యొక్క తల్లి వైపు నుండి వచ్చినవారు.

వృద్ధాప్యంలో కూడా, తాతయ్యలు మన జీవితంలో చాలా ముఖ్యమైనవారు. మన తాతముత్తాతల నుండి మనం పొందగలిగే అనేక ప్రయోజనాలు ఉన్నాయి మరియు అందువల్ల వారితో మంచి సంబంధాన్ని ఏర్పరచుకోవడం చాలా ముఖ్యం.

తాతామామల పాత్ర

  • తమ పిల్లలు మరియు మనవరాళ్లతో చరిత్రను పంచుకోవడంలో తాతామామల పాత్ర ఉంది . వారు ఇతరులతో పంచుకోగలిగే గత సంఘటనల గురించి వారికి బాగా తెలుసు.
  • తాతముత్తాతలు కూడా తరాల అంతరాలను తొలగిస్తారు . పాత తరం గురించి కథలు చెప్పడం ద్వారా ప్రస్తుత తరాన్ని పాత తరానికి కనెక్ట్ చేయడానికి వాటిని ఉపయోగించవచ్చు.
  • తాతయ్యలు మార్గదర్శకులుగా వ్యవహరిస్తారు . వారు అద్భుతమైన సలహాలు అందించడం మరియు ప్రతిభను మరియు కలలను పెంపొందించడం ద్వారా వారి మనవరాళ్లను ప్రేరేపిస్తారు.
  • తాతలు కూడా మంచి స్నేహితులను చేసుకుంటారు . వారు మంచి శ్రోతలు మరియు మన మనోభావాలతో వ్యవహరించే విషయంలో వారు మరింత ఓపికగా ఉంటారు. జడ్జిమెంటల్ టోన్లు లేకుండా సలహాలు ఎలా అందించాలో కూడా వారికి తెలుసు.
  • తాతలు కూడా సలహాలు మరియు అంతర్దృష్టులను అందించే పాత్రను కలిగి ఉంటారు . వారు జీవితంలో ఎక్కువ అనుభవాలను కలిగి ఉంటారు మరియు అందువల్ల అనుభవజ్ఞులైన దృక్కోణం నుండి గొప్ప సలహాలను అందిస్తారు.
  • మన తల్లిదండ్రులు అందుబాటులో లేకుంటే తాతలు కూడా సంరక్షకులుగా వ్యవహరించవచ్చు. మన తల్లిదండ్రులు అందుబాటులో లేకుంటే వారు తల్లిదండ్రుల పాత్రను తీసుకోవచ్చు.
  • తాతలు కూడా రోల్ మోడల్స్ కావచ్చు . వారు విజయవంతమైన మరియు పలుకుబడి ఉన్న వ్యక్తులు అయితే ఇది ప్రత్యేకంగా ఉంటుంది. చాలా మంది పిల్లలు తమ తాతామామలను తమ రోల్ మోడల్‌లుగా ఎంచుకుంటారు, ఎందుకంటే వారు వారితో బాగా కనెక్ట్ అవుతారు.
  • తాతామామల యొక్క మరొక పాత్ర ఏమిటంటే వారు మన సంస్కృతి మరియు సంప్రదాయాలను నేర్చుకునే సాధనంగా వ్యవహరిస్తారు . సాంప్రదాయ వంటకాలు మరియు ఇతర సాంప్రదాయ పద్ధతులను ఎలా వండుకోవాలో వారు తమ మనవళ్లకు నేర్పించవచ్చు.

మన తాతముత్తాతల నుండి మనం ఏమి నేర్చుకోవచ్చు?

  • మన తాతముత్తాతల నుండి చారిత్రక సంఘటనలను తెలుసుకోవచ్చు . ఎందుకంటే, వారు సంఘటనలను చూశారు లేదా చారిత్రక సంఘటనలను చూసిన వారి నుండి వారు ప్రత్యక్షంగా సమాచారాన్ని పొందారు.
  • మన వంశవృక్షం గురించి కూడా మా తాతముత్తాతల నుండి నేర్చుకుంటాము. మనం ఎన్నడూ కలవని మన గత కుటుంబ సభ్యుల గురించి వారు మనకు బోధించగలరు.
  • పాశ్చాత్యీకరణ కారణంగా మనం మరచిపోయిన మన సంస్కృతులు మరియు సంప్రదాయాల గురించి కూడా తాతలు మనకు బోధిస్తారు .
  • తాతయ్యలు సలహా ఇవ్వడంలో ఎక్కువ నైపుణ్యం కలిగి ఉంటారు కాబట్టి మా తాతలతో సమయం గడపడం కూడా మనకు వివిధ నైతికత మరియు విలువలను బోధిస్తుంది.

మా తాతామామలకు ఎలా చికిత్స చేయాలి మరియు శ్రద్ధ వహించాలి?

  • మన తాతయ్యల ఇంటి పనుల్లో మనం సహాయం చేయాలి . ఎందుకంటే వారు తమ వయస్సు కారణంగా ఈ పనులను చక్కగా నిర్వహించలేరు.
  • మనం కూడా మన తాతలతో మరింత మర్యాదగా ఉండాలి . వారు కుటుంబంలోని పెద్ద సభ్యులుగా ఉన్నందున వారి పట్ల గౌరవం చూపించడం.
  • మీరు మీ తాతామామల ఆరోగ్యాన్ని తరచుగా పర్యవేక్షిస్తున్నారని కూడా నిర్ధారించుకోవాలి. ఎందుకంటే వారి వయస్సుతో, వారు ఇన్ఫెక్షన్లు మరియు వ్యాధుల బారిన పడే ప్రమాదం ఎక్కువగా ఉంటుంది.
  • మీరు మీ తాతలతో నాణ్యమైన సమయాన్ని వెచ్చిస్తున్నారని కూడా మీరు నిర్ధారించుకోవాలి . మీరు పొందే జ్ఞానం వల్ల ఇది మీకు ప్రయోజనకరంగా ఉండటమే కాకుండా, వారు ప్రేమించబడుతున్నట్లు మరియు అవసరమైనట్లు భావించడంలో కూడా మీరు సహాయం చేస్తారు.
  • చెకప్‌లు చేయించుకున్న ప్రతిసారీ మీరు మీ తాతయ్యలను ఆసుపత్రికి తీసుకెళ్లడం ద్వారా వారిని కూడా చూసుకోవచ్చు. ఇది వారికి ప్రేమ మరియు ప్రశంసల అనుభూతిని ఇస్తుంది.

మన తాతలకు ప్రేమను ఎలా వ్యక్తపరచాలి?

  • మీరు మీ తాతలకు అప్పుడప్పుడు బహుమతులు కొనడం ద్వారా వారి పట్ల ప్రేమను చూపవచ్చు . ఇది వారికి ప్రియమైన మరియు అవసరమైన అనుభూతిని కలిగిస్తుంది.
  • పుట్టినరోజుల వంటి కార్యక్రమాలకు వారిని ఆహ్వానించడం ద్వారా కూడా మీరు ప్రేమను వ్యక్తపరచవచ్చు . ఇది మీ జీవితంలో ఒక భాగమైన అనుభూతిని కలిగిస్తుంది.
  • సెలవుల కోసం మీ తాతయ్యల ఇంటికి వెళ్లడం లేదా వారిని ఆహ్వానించడం కూడా వారికి ప్రేమను చూపించే మార్గం.
  • మీరు కూడా మీ తాతయ్యలకు ఒక్కోసారి వండి పెట్టడం ద్వారా వారి పట్ల ప్రేమను వ్యక్తం చేయవచ్చు. వారు తమ జీవితంలో ఎక్కువ భాగం ఇతరుల కోసం వంట చేయడం కోసం గడిపారు మరియు వారి అభిమానాన్ని తిరిగి పొందడం వారిని ప్రశంసించేలా చేస్తుంది.
  • మీ తాతామామల ఇంటి పనుల్లో సహాయం చేయడం కూడా ప్రేమను వ్యక్తీకరించే మార్గం.

మన జీవితంలో తాతలు చాలా ముఖ్యమైనవారు. ఎందుకంటే వాళ్ళు లేకుంటే వాళ్ళు మన తల్లితండ్రులను ఇచ్చినట్లే మనం ఉండేవాళ్ళం కాదు. మీ తల్లిదండ్రులను పెంచినందుకు వారిని అభినందించడం కోసం మీ తాతామామలతో ప్రేమ మరియు గౌరవంతో వ్యవహరించడం చాలా ముఖ్యం. మన తాతయ్యలతో గడపడం ద్వారా మనం నేర్చుకునే విషయాలు కూడా చాలానే ఉన్నాయి.

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    دادا دادی    

    دادا دادی کسی کے والد یا والدہ کے والدین ہوتے ہیں۔     دادا دادی یا تو ماں یا پھوپھی ہو سکتے ہیں۔    

    دادا دادی وہ ہوتے ہیں جو خاندان کے والد کی طرف سے ہوتے ہیں جبکہ نانا نانی وہ ہوتے ہیں جو خاندان کے والد کی طرف سے ہوتے ہیں۔    

    ان کے بڑھاپے کے ساتھ بھی، دادا دادی ہماری زندگی میں بہت اہم ہیں۔     بہت سے فوائد ہیں جو ہم اپنے دادا دادی سے حاصل کر سکتے ہیں اور اس لیے ان کے ساتھ اچھے تعلقات قائم کرنا ضروری ہے۔    

    دادا دادی کا کردار    

  •     دادا دادی کا     اپنے بچوں اور پوتے پوتیوں کے ساتھ         تاریخ کا اشتراک کرنے کا کردار ہے۔         وہ ماضی کے واقعات سے زیادہ واقف ہیں جنہیں وہ دوسروں کے ساتھ بانٹ سکتے ہیں۔    
  •     دادا دادی بھی         نسلی فرق کو پر کرتے         ہیں۔     ان کا استعمال پرانی نسل کے بارے میں کہانیاں سنا کر موجودہ نسل کو پرانی نسل سے جوڑنے کے لیے کیا جا سکتا ہے۔    
  •     دادا دادی بطور         سرپرست         کام کرتے ہیں ۔     وہ بہترین مشورے اور صلاحیتوں اور خوابوں کی پرورش کے ذریعے اپنے پوتے پوتیوں کی حوصلہ افزائی کرتے ہیں۔    
  •     دادا دادی بھی         بہتر دوست بناتے ہیں         ۔     وہ بہتر سننے والے ہیں اور جب ہمارے مزاج سے نمٹنے کی بات آتی ہے تو ان میں زیادہ صبر ہوتا ہے۔     وہ فیصلہ کن لہجے کے بغیر مشورہ دینا بھی جانتے ہیں۔    
  •         دادا دادی کا بھی مشورہ اور بصیرت پیش         کرنے کا کردار ہوتا ہے     ۔     ان کے پاس زندگی میں زیادہ تجربات ہوتے ہیں اور اس لیے وہ تجربہ کار نقطہ نظر سے بہت اچھا مشورہ دیتے ہیں۔    
  •     اگر ہمارے والدین دستیاب نہ ہوں تو     دادا دادی بھی         نگراں کے طور پر کام کر سکتے ہیں۔         اگر ہمارے والدین دستیاب نہ ہوں تو وہ والدین ہونے کا کردار ادا کر سکتے ہیں۔    
  •     دادا دادی بھی         رول ماڈل         ہو سکتے ہیں ۔     یہ خاص طور پر معاملہ ہے اگر وہ کامیاب اور نامور لوگ ہیں۔     بہت سے بچے اپنے دادا دادی کو اپنے رول ماڈل کے طور پر منتخب کرتے ہیں کیونکہ وہ ان سے بہتر طور پر جڑ سکتے ہیں۔    
  •     دادا دادی کا ایک اور کردار یہ ہے کہ وہ         ہماری ثقافت اور روایات کو سیکھنے کے ایک ذریعہ کے         طور پر کام کرتے ہیں ۔     وہ اپنے پوتے پوتیوں کو یہ سکھا سکتے ہیں کہ روایتی پکوان اور دیگر روایتی طریقے کیسے بنانا ہے۔    

    ہم اپنے دادا دادی سے کیا سیکھ سکتے ہیں؟    

  •     ہم         تاریخی واقعات         کے بارے میں اپنے دادا دادی سے سیکھ سکتے ہیں۔     اس کی وجہ یہ ہے کہ یا تو انہوں نے واقعات کا مشاہدہ کیا یا انہیں تاریخی واقعات کا مشاہدہ کرنے والے کسی فرد سے پہلے ہاتھ سے معلومات حاصل ہوئیں۔    
  •     ہم اپنے         نسب         کے بارے میں اپنے دادا دادی سے بھی سیکھتے ہیں۔     وہ ہمیں اپنے ماضی کے خاندانی ممبران کے بارے میں سکھا سکتے ہیں جن سے ہم کبھی نہیں ملے۔    
  •     دادا دادی ہمیں ہماری         ثقافتوں اور روایات         کے بارے میں بھی سکھاتے ہیں جنہیں ہم مغرب کی وجہ سے بھول چکے ہیں۔    
  •     اپنے دادا دادی کے ساتھ وقت گزارنا ہمیں         مختلف اخلاقیات اور اقدار         کی تعلیم دیتا ہے کیونکہ دادا دادی مشورہ دینے میں زیادہ ماہر ہوتے ہیں۔    

    اپنے دادا دادی کا علاج اور خیال کیسے رکھیں؟    

  •     ہمیں اپنے دادا دادی کی         گھر کے کاموں         میں مدد کرنی چاہیے ۔     اس کی وجہ یہ ہے کہ وہ اپنی عمر کی وجہ سے یہ کام اچھی طرح نہیں کر سکتے۔    
  •     ہمیں     اپنے دادا دادی کے ساتھ بھی         زیادہ شائستہ ہونا چاہیے۔         یہ ان کا احترام ظاہر کرنا ہے کیونکہ وہ خاندان کے بزرگ ہیں۔    
  •     آپ کو یہ بھی یقینی بنانا چاہئے کہ آپ اپنے دادا دادی کی صحت کی     کثرت سے         نگرانی کرتے ہیں ۔         اس کی وجہ یہ ہے کہ ان کی عمر کے ساتھ، وہ انفیکشن اور بیماریوں کے حصول کے خطرے کا زیادہ شکار ہوتے ہیں۔    
  •     آپ کو یہ بھی یقینی بنانا چاہئے کہ آپ     اپنے دادا دادی کے ساتھ         معیاری وقت گزاریں ۔         یہ نہ صرف آپ کو حاصل ہونے والی حکمت کی وجہ سے فائدہ مند ہوگا بلکہ آپ ان کو پیار اور ضرورت محسوس کرنے میں بھی مدد کریں گے۔    
  •     آپ اپنے دادا دادی کی ہر بار جب چیک اپ کرواتے ہیں تو         ان کے ساتھ ہسپتال جا کر ان         کی دیکھ بھال بھی کر سکتے ہیں ۔     اس سے انہیں محبت اور تعریف کا احساس ملے گا۔    

    اپنے دادا دادی سے محبت کا اظہار کیسے کریں؟    

  •     آپ اپنے دادا دادی کو         کبھی کبھار تحائف خرید کر ان سے محبت کا اظہار کر سکتے ہیں۔         اس سے انہیں پیار اور ضرورت محسوس ہوگی۔    
  •     آپ انہیں سالگرہ جیسے         پروگراموں میں مدعو کر کے         بھی محبت کا اظہار کر سکتے ہیں ۔     اس سے وہ آپ کی زندگی کا ایک حصہ محسوس کرتے ہیں۔    
  •     چھٹیوں کے لیے اپنے دادا دادی کے گھر جانا یا انہیں مدعو کرنا         بھی ان سے محبت ظاہر کرنے کا ایک طریقہ ہے۔    
  •     آپ اپنے دادا دادی         کے لیے ان کے لیے وقتاً فوقتاً کھانا بنا         کر بھی محبت کا اظہار کر سکتے ہیں ۔     انہوں نے اپنی زندگی کا بیشتر حصہ دوسروں کے لیے کھانا پکانے میں صرف کیا ہے اور احسان واپس کرنے سے ان کی تعریف ہوگی۔    
  •     گھر کے کاموں میں اپنے دادا دادی کی مدد کرنا         بھی محبت کے اظہار کا ایک طریقہ ہے۔    

    نتیجہ    

    دادا دادی ہماری زندگی میں بہت اہم ہیں۔     اس کی وجہ یہ ہے کہ ان کے بغیر ہمارا وجود نہ ہوتا جیسا کہ انہوں نے ہمیں ہمارے والدین دیے۔     اس لیے یہ ضروری ہے کہ اپنے دادا دادی کے ساتھ پیار اور احترام کے ساتھ پیش آئیں اور اپنے والدین کی پرورش کے لیے ان کی تعریف کریں۔     ایسی بھی بہت سی چیزیں ہیں جو ہم اپنے دادا دادی کے ساتھ وقت گزار کر سیکھ سکتے ہیں۔    

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दादा-दादी/नाना-नानी पर भाषण

दादा-दादी/नाना-नानी दिवस को प्रत्येक विद्यालय में बहुत ही प्यार से मनाया जाता है और इस अवसर पर बच्चे सुबह की सभाओं में भाषण/स्पीच देते हैं। ज़रूरी नहीं है कि विशेष दिन पर ही भाषण दिया जाए। कभी-कभी सार्वजनिक समारोहों में जहां दादा-दादी/नाना-नानी के बारे में बातचीत होती हैं वहां इन विशेष शब्दों के माध्यम से हमारे बच्चों के जीवन में मौजूद दादा-दादी/नाना-नानी का धन्यवाद करना आवश्यक है। हमने यहां दादा-दादी/नाना-नानी पर भाषण के कुछ उदाहरण साझा किए हैं। आप हमारे भाषणों के द्वारा अपने दर्शकों के लिए अपने भाषणों को दिलचस्प बना सकते हैं।

दादा-दादी/नाना-नानी पर लंबे और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Grandparents in Hindi)

आदरणीय महोदया, शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों,

आज दादा-दादी/नाना-नानी दिवस है! वे बच्चों के लिए कहते हैं यह हर दिन बाल दिवस है! मुझे कहना चाहिए कि बहुत सही कहा! हम हमारे माता-पिता और हमारे दादा-दादी/नाना-नानी की आंखों के तारों हैं। हमने अपने माता-पिता को कई बार उनके माता-पिता से कहते सुना है बल्कि शिकायत करते देखा है कि “आपने हमें उतना प्यार नही किया जितना आप हमारे बच्चों से प्रेम करते हैं!” और हम जानते हैं कि वे सही हैं!! जी हाँ वे हैं।

हमारे दादा-दादी/नाना-नानी एक पुस्तकालय हैं, हमारे निजी गेम सेंटर हैं, सर्वश्रेष्ठ रसोइए हैं, सर्वश्रेष्ठ समर्थन देने वाले व्यक्ति हैं, अच्छे शिक्षक हैं और प्यार से भरी दुनिया, जिसमें दो आत्माओं को एक साथ रखा गया है, वे हमेशा हमारे लिए मदद के लिए खड़े रहते हैं। माता-पिता के माता-पिता यह शब्द हमारे दादा-दादी/नाना-नानी के लिए बहुत उपयुक्त है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं। दादा-दादी/नाना-नानी वे हैं जिन्होंने हमारे माता-पिता को पाल-पोस कर बड़ा किया है जो हमारे जीवन में एक और अद्भुत सहायक है।

उनके चेहरे पर आई झुर्रियां इस सबूत हैं कि वे हमारे घरों में सबसे अधिक अनुभवी लोग हैं। इसलिए हम बच्चों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम उनके साथ जुड़े, सीखें, जो वे हमें सिखाते हैं, उनके अनुभव से सीखें और फिर हमारे जीवन का निर्माण करें। अगर हम ऐसा करते हैं तो अधिक मजबूत होंगे।

मैं यह बहुत आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि नानी के घर जाने का विचार हम सभी के लिए इस उम्र में भी बहुत खुशी लेकर आता है। मज़ेदार दिन, खुशी, आनंद, बिना शर्त प्यार मिलना और सबसे ज्यादा प्यार वाले हाथों से अच्छी तरह से पकाया विशेष भोजन खाना। यहां तक ​​कि दादी मा द्वारा कहा उनका सबसे पसंदीदा कथन, “क्या तुम जानते हो कि तुम अपने बचपन में कितने शरारती थे या पढ़ लेगा उसे थोड़ी देर के लिए खेलने दो” इन सभी प्यारे क्षणों को हम आनंद ले सकेंगे क्योंकि हमारे पास सबसे अच्छे व्यक्ति हैं।

तो अगली बार जब हम अपने कार्यक्रमों में, हमारे दोस्तों में, फोन, आई-पैड, एक्स-बॉक्स और पार्टियों में व्यस्त होंगे तो हमें अपने दादा-दादी/नाना-नानी के लिए कुछ समय निकालना चाहिए। उनकी ही वजह से हमें इतना प्यारा बचपन मिला है। उनके कारण ही हमारे पास अच्छे नैतिक मूल्य हैं उन्होंने हमें बिना शर्त प्यार करना सिखाया है, धैर्य रखना सिखाया है, उठना और उस समय प्रयास करना सिखाया जब सब कुछ असंभव लग रहा था।

हमारे दादा-दादी/नाना-नानी को प्यार से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए और थोड़ा सा हमारा समय जिसमें हम उनके साथ अपनी उपलब्धियों को साझा कर सके, उन्हें व्हाट्सएप पर भजन चलाना या अपने दोस्त को भेजना सिखा सकें या यूट्यूब पर मूवी देखना सिखा सकें। वे हमारी पीढ़ी के साथ चलने की कोशिश कर रहे हैं। तो इन सबसे प्यारे, सबसे बुद्धिमान, थोड़े भुलक्कड़, आराध्य स्नेह से भरे हुए लोगों के सामने मैं मानता हूँ और कहता हूं कि “आप मेरी सबसे बहुमूल्य संपत्ति हैं और आशा करता हूँ कि आप मेरी अगली पीढ़ियों के लिए मेरे साथ हो सकते हैं और वे भी उसी तरह धन्य हो जैसे आज मैं हूं”।

आज यहाँ उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को मेरी ओर से सुप्रभात! आज हम सभी यहां बड़ो का सम्मान करने के लिए एकत्र हुए हैं जिनकी उपस्थिति का मतलब है कि किसी भी घर में सबकी भलाई और सकारात्मकता की वृद्धत्व का जश्न मनाना। दादा-दादी/नाना-नानी वास्तव में किसी भी परिवार में सबसे मजबूत बंधन प्रदान करते रहे हैं जो घर के सदस्यों को विस्तारित परिवार सहित एक साथ रखता है। अवकाश के दौरान चाचा-चाची और चचेरे भाईयों के साथ रहने का अवसर मिलना भी सभी के जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा है। यह अवसर हमारे दादा-दादी/नाना-नानी के घर पर ही मिलता है। इसलिए मैं सभी दादा-दादी/नाना-नानी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने समय निकाला और हमसे  अपने अनमोल क्षणों को साझा करने के लिए अपनी अनुसूची बदल दिया।

जिस व्यक्ति का अपने माता-पिता और दादा-दादी/नाना-नानी द्वारा पोषण किया जाता है उसे जीवन में हर चीज़ दोगुनी मिलती है, दोगुना अनुभव, दोगुना प्यार, दोगुना मज़ा और दोगुना मूल्यों का मिलना और मार्गदर्शन प्राप्त करना। दादा-दादी/नाना-नानी अपने प्यारे बच्चों से उनका सर्वश्रेष्ठ गुण बाहर लाने के लिए उनके जीवन में सूर्य की तरह हर समय उपस्थित रहते है। वे बच्चे जिन्होंने अपने दादा-दादी/नाना-नानी को नहीं देखा वास्तव में बहुत दुर्भाग्यशाली हैं।

वे बहुत अच्छे विचारों और तथ्यों से वंचित रह जाते हैं जो उन्हें मिलने चाहिए। जिन मूल्यों को वे अपने पोता-पोती में डालते हैं वे मूल्य वो हैं जिन्हें केवल उनके माता-पिता ऐसा करने का सपना देखते हैं। माता-पिता अपने करियर में व्यस्त रहते हैं। सभी अच्छी चीजों को और जीवन के उच्च मानकों को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं जिन्हें हम सभी अपने लिए बहुत उच्च मानते हैं। ऐसा नहीं है कि यह बुरा है, लेकिन बच्चों के साथ समय बिताना जब उन्हें आपकी आवश्यकता है, यह माता-पिता के लिए असंभव हो जाता है।

लेकिन वास्तव में भगवान का धन्यवाद जिन्होंने दादा-दादी/नाना-नानी को बनाया! जी हाँ, क्या यह सच नहीं है? जहां दादा-दादी/नाना-नानी मौजूद हैं वहां माता-पिता वो सब कर सकते हैं जो वे अपने करियर के साथ करने का इरादा रखते हैं। वे जानते हैं कि उनके प्यारे बच्चों को सँभालने के लिए उनके सबसे भरोसेमंद साथी उनके साथ हैं। ऐसा नहीं है कि दाई या प्ले स्कूल की कमी है लेकिन ये दादा-दादी/नाना-नानी की क्षमताओं का मिलान भी नहीं कर सकते।

मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं उनकी किसी भी प्रकार की सहायता से तुलना कर रहा हूं। मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि ऐसे भी परिवार हैं जिनके लिए दादा-दादी/नाना-नानी वरदान के समान हैं। उनके दादा-दादी/नाना-नानी अपने गृह में उनके साथ हैं या पूरा परिवार बेहतर अवसरों के लिए किसी दूसरे देश में चला गया और दादा-दादी/नाना-नानी नहीं गए। मेरे हिसाब से ऐसे परिवार कम भाग्यशाली हैं।

जहां पिता और मां दोनों नौकरी कर रहे हैं वहां पूर्ण समय के लिए सहायता लेना सही है, इस स्थिति में दादा-दादी/नाना-नानी, जो हर दिन वृद्ध हो रहे हैं, पर कोई शारीरिक दबाव नहीं होता। इस तरह दादा-दादी/नाना-नानी अपनी शारीरिक ताकत पर निर्भर नहीं रहते हैं और हमेशा अपने छोटे बच्चों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं जिन्हें प्यार, पोषण और अच्छी तरह से देखभाल की आवश्यकता होती है। मैं इसे दादा-दादी/नाना-नानी के लिए दूसरी पारी के रूप में देखता हूं।

उन्होंने अपनी सभी सारी सांसारिक जिम्मेदारियों को पूरा किया है जो भी अब तक उनके जीवन में सामने आई है। तो उनकी जिंदगी में तनाव का स्तर लगभग शून्य के करीब है! अब अगर इसकी माता-पिता के साथ तुलना करें तो मैं देखता हूं कि उनका जीवन एक प्रकार की गतिविधि से भरा है, जोश और उमंग से भरा है इसलिए वे अपने बच्चों के साथ स्थिति के हिसाब से व्यवहार करेंगे न कि अपनी मनमर्जी और पसंद से। स्वाभाविक रूप से परिवार में दादा-दादी/नाना-नानी बेहद मददकर्ता हैं। मैं दादा-दादी/नाना-नानी के बिना किसी भी घर की कल्पना नहीं कर सकता। यद्यपि आजकल बहुत अधिक एकल परिवार प्रणाली प्रचलित है लेकिन मुझे यकीन है कि यदि उन्हें मौका मिला तो वे अपने बड़ों के साथ रहना चाहेंगे या उनके घरों के करीब रहना चाहेंगे।

यह कहना ज़रूरी नहीं कि जब हम उनकी अच्छी देखभाल करेंगे तभी हम उन्हें खुश रख सकेंगे। जब हम उनके साथ समय बिताएंगे तो हमें बदले में बहुत सी चीजें सीखने को मिलेंगी हैं जो कि हमें कोई भी नहीं सिखाएगा और जो प्रेम, देखभाल और धैर्य की मात्रा हमें उनसे मिलेंगी वह अतुलनीय है। वे कहते हैं कि एक संबंध हमेशा दो तरीके के होते हैं। मैं कहता हूँ एक हद तक यह सच भी है लेकिन जब बच्चों को प्यार करने की बात आती है तो मैं कहता हूं कि दादा-दादी/नाना-नानी एक अपवाद हैं।

उनका प्यार बिना शर्त, बिना बाध्य, शुद्ध, बिना किसी मांग का और सभी रहस्यों से ऊपर है। वे अपने बच्चों या नाती-पोतों से बदले में कुछ भी उम्मीद नहीं करते हैं। वे बिना थके और बिना रुके अपनी कहानियों के पिटारे के साथ बढ़ते चले जाते हैं और बच्चों को अपने साथ जोड़ उन्हें भविष्य के लिए तैयार करते हैं। बच्चों के मन में स्वाभाविक रूप से अपने दादा-दादी/नाना-नानी के लिए बहुत सारा प्यार थोड़ा सा सम्मान और देखभाल होनी चाहिए।

मैं यह कहकर अपने भाषण को समाप्त करना चाहूंगा कि एक ऐसा घर जहां बड़ों को सम्मान और आदर दिया जाता है उस घर में खुद भगवान रहते हैं। दादा-दादी/नाना-नानी प्यार का जीवन चक्र है। किसी ने एक बार कहा था, “वे थोड़े से माता-पिता हैं, थोड़े से शिक्षक हैं और थोड़े से दोस्त हैं”।

धन्यवाद और आशा करता हूँ कि आपका दिन प्यार, ख़ुशी और हँसी से भरा हो।

आज इस कमरे में उपस्थित सभी लोगों को मेरी ओर से नमस्कार। आज हम सब दादा-दादी/नाना-नानी के दिन का जश्न मनाने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जिसे हम अपने दादा-दादी/नाना-नानी के सम्मान के साथ चिन्हित करते हैं, उन्हें स्कूलों में बुलाते हैं, उनके बच्चों के रूप में उन्हें अपनी विभिन्न प्रतिभाएं दिखाते हैं। विभिन्न कार्यक्रमों, जो हम उन्हें प्रस्तुत करते हैं, के माध्यम से हम उन्हें बताते हैं कि उनकी उपस्थिति हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है।

आज मैं मंच पर यह बोलने के लिए हूं कि मैं अपने बारे में कैसा महसूस करता हूं। मेरे सभी दोस्तों का प्रतिनिधित्व करने और उनकी ओर से भी अपनी बात रखने के लिए मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। मेरे कुछ दोस्त गा रहे हैं, कुछ नृत्य कर रहे हैं, कुछ कविताएं पढ़ रहे हैं जबकि कुछ विद्यालय के समूह गायन में शामिल हैं। एक बात तो निश्चित है कि हमारे शिक्षकों, माता-पिता और दादा-दादी/नाना-नानी के प्रयासों के कारण ही हम सभी एक हैं।

मैं इस अवसर पर मेरी दादी और मेरे दादाजी को मेरी जिंदगी में रहने और मुझे बेहतर व्यक्ति बनने में मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मेरे जीवन का प्रत्येक दिन बहुत खास हो जाता है। आज मैं यहां पूरे साल के तीन सौ पैसठ दिनों में से एक दिन दादा-दादी के दिन का जश्न मनाने के लिए आया हूं शेष दिन वे हैं जिसे बच्चों के दिन के रूप में मनाते हैं। प्रत्येक दिन को वे अपने विभिन्न तरीकों से विशेष महसूस कराते हैं।

हर दिन मैं अपने दादाजी या मेरी दादी से कुछ नया सीखता हूं। जब मैं अपनी दादी के पास जाता हूं तो वे बहुत आसानी से मुझे सिखाती है कि कैसे कपड़े पहनने चाहिए और कैसे मेरी माँ की अपने कमरे को साफ रखने में मदद करनी चाहिए। मेरे दादाजी ने मुझे यह सिखाया है कि जब हम शाम को खेल कर या शाम को अपने दोस्तों से बात-चीत कर वापिस आते हैं तो गंदे जूतों को जूता रैक में रखने से घर में धूल और कीटाणुओं को रोकने में मदद मिलती है। कभी-कभी वे मुझे यह भी सिखाते हैं कि तार को प्लग कैसे किया जाए। उन्होंने मुझे यह भी सिखाया है कि कभी भी स्विचबोर्ड में तार को छूने की कोशिश न करें। सभी चीजों को ध्यान से निकालना चाहिए। मैंने उनसे यह भी सीखा है कि हर समय जब भी आप किसी से मिलते हैं तो हमेशा आदरपूर्वक और विनम्र होना जरूरी है भले ही उसी व्यक्ति से बार-बार मिलना हो।

जब भी आप घर पर इस तरह के ईश्वर के वरदान के साथ हैं तो आप जानते हैं कि आप एक ऐसी जगह हैं जहां आप जानते हैं कि आप हर गलती जो करते हैं उससे आप थोड़ा और सीख रहे हैं। दादा-दादी/नाना-नानी बड़े दिल वाले लोग हैं क्योंकि वे आपको ऐसा करने की अनुमति देते हैं! वे जानते हैं कि बच्चों के लिए उनकी अपनी गलतियों से सीखना महत्वपूर्ण है इसलिए वे बहुत धैर्य रखते हैं। हमारे माता-पिता हालांकि कभी-कभी हमारे साथ जल्दी में रहते हैं। नहीं मैं बिल्कुल भी शिकायत नहीं कर रहा हूं क्योंकि मैं समझता हूं कि वे कितने व्यस्त हैं और उनका समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। वे काम कर रहे हैं और उन पर अपने काम का दबाव है जैसे मेरे साथ है! जब मेरी परीक्षाएं होती हैं और मुझे कई कामों को एक साथ करना होता है तो मैं अच्छे नंबर लाने के लिए यहाँ वहां भागता रहता हूं और कड़ी मेहनत करता हूं वैसे ही काम पर अच्छे अंक की ज़रूरत उन्हें भी है।

चिंता की कोई बात नहीं मुझे पता है कि मैं अपने दादा-दादी/नाना-नानी के साथ मज़ाकिया और शरारती हो सकता हूं! तो मैं वास्तव में अपने दिल की गहराई से उन्हें धन्यवाद करता हूं और मेरा रोम-रोम मेरे दादा-दादी को हमेशा मेरे साथ रहने के लिए धन्यवाद करता है। मैं उनको मुझे सिखाने के लिए और मुझे उन मूल्यों और नैतिकताओं को मुझ में आत्मसात करने के लिए धन्यवाद करता हूं जो मुझे उन जैसा बनाते हैं – धैर्यशील और कुशल। मैं उन्हें प्यार करता हूं और उनकी पूजा करता हूं क्योंकि वे किसी भी खतरे से निपटने में मेरी सबसे मजबूत ढाल हैं। वे मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं। मैं उनके साथ कुछ भी साझा कर सकता हूं। वे मुझे सबसे अच्छी सलाह देते हैं और मैं उनका यहाँ होने के लिए धन्यवाद करता हूं क्योंकि वे मेरे माता-पिता के माता-पिता हैं और वे उनके समान भी दिखते हैं। दो अलग-अलग माता-पिता विभिन्न निकायों और आयु समूहों के साथ। क्या आप इसे मेरे जैसे बच्चों के लिए दोगुनी सहूलियत नहीं कहेंगे?

सम्मानित प्राचार्य, शिक्षकगण, अभिभावक, दादा-दादी/नाना-नानी और मेरे प्रिय मित्रों

आज हम सभी यहाँ इस दिन इकट्ठा हुए हैं जिसे हम दादा-दादी/नाना-नानी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस संस्था में पढ़ते हुए छोटे और बड़े बच्चों के सभी माता-पिता और दादा-दादी/नाना-नानी का स्वागत करना मेरा विशेषाधिकार है। उनकी ओर से मैं आज यहां उपस्थित हर किसी का दिल से स्वागत करता हूं। दादा-दादी हो या नाना-नानी, उन सभी का अपने नाती-पोतों के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दोनों परिवारों के माता-पिता समान रूप से बच्चों को पोषित करते हैं, प्यार करते हैं और उनके साथ रहने के लिए उत्सुक रहते हैं।

आज के इस युग में नाती-पोतों के जीवन में उनके दादा-दादी/नाना-नानी और उनकी भूमिकाओं में बदलाव आया है। आज की दादी/नानी डिजाइनर के रूप में काम कर रही एक व्यवसायी महिला भी हो सकती है और यही स्थिति दादा/नाना के साथ भी हो सकती है जो अभी-अभी बहुत ही सक्रिय कैरियर से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह एक सेना अधिकारी या किसी संगठन में प्रबंधक या व्यापारी हो सकते हैं। वे सभी रंग और आकार में आते हैं! लेकिन एक चीज जो स्थिर होती है वह है उनका प्यार और स्नेह जिसे वे अपने नाती-पोतों पर बौछार करते हैं। ग्रैंड का मतलब बड़ा या महान है। इसका अर्थ है शानदार, प्रतिष्ठित और गरिमापूर्ण।

ये सभी विशेषण हैं जिन्हें मैं उनका वर्णन करने के लिए उपयोग करूंगा। यह उनके अंदर है जो उन्हें प्रत्येक बच्चे के लिए विशेष बनाते हैं। यहां तक ​​कि सड़क के किनारे पर जूते साफ़ करने वाला भी सबसे अच्छा दादा/नाना हो सकता है। वह वो हो सकता है जिसने अपने दोपहर के भोजन से अपने पोते के लिए साईकिल या खिलौना खरीदने के लिए पैसे बचाए। अपने पोते के लिए वह उनका सुपर हीरो है जो उनकी सभी मांगों और सपनों को पूरा करेगा।

और फिर वह समय आ जाता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं। वे धीरे-धीरे इतने ज्यादा व्यस्त होते चले जाते हैं कि वे हर समय अपने जीवन और करियर पर ध्यान देते रहते हैं। दादा-दादी/नाना-नानी अपने नाती-पोतों के लिए पूरा संसार हैं क्योंकि उन्होंने उनके माता-पिता को भी पाल-पोस कर बड़ा किया है। इस तरह दादा-दादी/नाना-नानी दो बार अपनी भूमिका को अच्छी तरह से निभाते हैं! एक भूमिका जिसे वे अच्छी तरह से निभा चुके हैं और दूसरी जिसे अच्छी तरह से निभाने जा रहे हैं! उनके पास बेहद धैर्य, प्यार और देखभाल की असीमित आपूर्ति है।

इन बड़े-बड़े बच्चों को अपने दादा-दादी/नाना-नानी की इतनी जरूरत अब भी होती है, जितनी तब थी जब वे बच्चे थे। उनसे मिलने वाली अमूल्य सलाह, अंतर्दृष्टि, उनकी प्रवृत्ति और निर्णय बेमिसाल हैं। जीवन के कपड़े में माता-पिता और दादा-दादी/नाना-नानी मज़बूत धागा हैं और बच्चे सुंदर रेशा हैं। तो यह हमारे परिवार के सदस्य के रूप में हमारा कर्तव्य है कि प्रत्येक व्यक्ति और उसकी ज़रूरतों का ध्यान रखना चाहे वह भावनात्मक हो या शारीरिक हो। मुझे यकीन है कि संयुक्त परिवार में एक साथ रहने वाले सभी परिवार ऐसा ही करते हैं। मुझे प्रत्येक दिन मेरे व्हाट्सएप पर सन्देश मिलते हैं जो मुझे नैतिक मूल्यों के बारे में सिखाते हैं, मुझे सिखाते हैं कि कैसे मुझे दादा-दादी/नाना-नानी की अच्छी तरह देखभाल करनी चाहिए। उन सभी संदेशों को देखना और पढ़ना वाकई बहुत अच्छा लगता है।

जब मैं चारों ओर देखता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है कि इतने सारे बच्चे इतना सब कुछ कर रहे हैं जो करना जरूरी है। अपने दादाजी/नानाजी को रेलवे की वेबसाइट पर इंटरनेट के माध्यम से टिकट बुक करन सिखा रहे हैं या अपनी दादी/नानी को बता रहे हैं कि कैसे स्काइप या अन्य वीडियो कॉल के माध्यम अपने दूसरे नाती-पोतों से बात करें। यह देखना बहुत प्यारा लगता है कि कैसे हमारे दादा-दादी/नाना-नानी वो सब कर सकने में सफल हो सकेंगे जो उनके नाती-पोतें रोज़ बता रहे हैं।

इसलिए दादा-दादी/नाना-नानी दिवस के इस अवसर पर मुझे अपने दादा-दादी/नाना-नानी को देखकर खुशी हो रही है जिन्होंने अपने नाती-पोतों के लिए समय निकाला और उन प्रदर्शनों को, शिक्षकों, माता-पिता यहाँ तक की दूसरे दादा-दादी/नाना-नानी के साथ, देखने आए जिनमें उनके बच्चे शामिल थे। हम इस दिन का जश्न उस संबंध के महत्व को चिह्नित करने के लिए मनाते हैं जो छोटे बच्चों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण अहमियत रखता है जिनके लिए हम एक सुंदर कल बनाने की कोशिश करते हैं। यदि हम मूर्तिकार हैं तो आप वे हैं जो हमें बेहतरीन सामग्री प्रदान करते हैं जिनकी हमें आवश्यकता होती है। साथ में हम ईश्वर की सृष्टि के एक मजबूत, अच्छी तरह से निर्मित, अद्भुत टुकड़े के रूप में बन सकते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति में अपने स्वयं के सकारात्मक और नकारात्मक गुण होते हैं। हम इंसान हैं – “गलती इंसान करता है और क्षमा भगवान करता है।” इसलिए हमारे सर्वोत्तम प्रयासों और इरादों के बावजूद मेरे और आपके साथ प्रत्येक व्यक्ति में सुधार की हमेशा गुंजाईश रहती है। इस प्रकार अकेले सकारात्मक गुणों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मैं उन सभी महान लोगों का ऋणी हूं जिनके बिना छोटे बच्चों की रचना अधूरी होगी। अपने नाती-पोतों के जीवन का हिस्सा बनने के लिए सभी दादा-दादी/नाना-नानी को धन्यवाद और मुझे आशा है कि आपका पोषित समर्थन हमेशा आपके प्यारे बच्चों के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में मार्गदर्शक बनेगा जो एक तूफानी रात में भी जहाज को रास्ता दिखाता है। आपका मार्गदर्शन और प्रेम हर दिन उन्हें और ज्यादा मजबूत बनाता है। धन्यवाद!

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दादा दादी पर भाषण | Best 5 Speech On grandparents In Hindi

essay on respecting grandparents in hindi

  • 1 दादा-दादी भाषण – १ Long And Short Speech On grandparents In Hindi
  • 2 दादा दादी भाषण – 2
  • 3 दादा दादी भाषण – 3
  • 4.0.0.1 Essay In Other Languge

दादा-दादी भाषण – १ Long And Short Speech On grandparents In Hindi

आदरणीय महोदया, शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों,

आज दादा दादी का दिन है! वे कहते हैं बच्चों के लिए, यह हर दिन बाल दिवस है! बहुत सही कहा मुझे कहना चाहिए ! हम अपने माता-पिता के आकर्षण के केंद्र और अपने दादा-दादी की आंखों के सितारे हैं। हमने अपने माता-पिता को कई बार अपने माता-पिता से कहते सुना है, शिकायत करने के बजाय; “आपने हमसे उतना प्यार नहीं किया जितना आप हमारे बच्चों से प्यार करते हैं!” और क्या हम जानते हैं कि वे सही हैं !! हाँ वे हैं।

हमारे दादा और दादी एक पुस्तकालय हैं, हमारा बहुत ही व्यक्तिगत खेल केंद्र, सबसे अच्छा रसोइया, सबसे अच्छा समर्थन, भयानक शिक्षक और प्यार से भरी दुनिया दो शारीरिक आत्माओं में एक साथ पैक की गई है जो हमेशा हम बच्चों के लिए लगती हैं। ग्रैंड, वह शब्द है जो उनके लिए सबसे उपयुक्त है, मैं बस इतना ही कह सकता हूं। वे वही हैं जिन्होंने हमारे माता-पिता को बड़ा किया है जो हमारे जीवन में प्राणियों का एक और अद्भुत समूह हैं। उनके चेहरे पर झुर्रियां इस बात का सबूत हैं कि वे सबसे अनुभवी लोग हैं जिन्हें हम अपने घरों में रखते हैं। इसलिए यह हम बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि हम उनसे जुड़ें, सीखें कि उन्हें हमें क्या सिखाना है, उनके अनुभव से सीखें और फिर अपने जीवन का निर्माण करें जो कि अगर हम ऐसा करते हैं तो यह और अधिक मजबूत होगा।

नानी के घर जाने का विचार हम सभी के लिए बेहद खुशी की बात है, चाहे वह किसी भी उम्र का हो, मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं। मस्ती भरे दिन, खुशियों से भरे दिन, आनंद, बिना शर्त प्यार, आप होने के लिए स्वतंत्र और सबसे प्यारे हाथों से सबसे अच्छा पका हुआ विशेष भोजन खाएं। यहाँ तक कि दादी माँ भी, उनका सबसे पसंदीदा संवाद, “क्या आप जानते हैं कि आप बचपन में कितने शरारती थे, या पद लेगा, उन्हें थोड़ी देर खेलने दें” इन सभी प्यारे पलों का हम केवल इसलिए आनंद ले पाते हैं क्योंकि हमारे पास सबसे अच्छा है हमारे लिए वहां लोगों का समूह।

इसलिए अगली बार जब हम अपने शेड्यूल में व्यस्त हों, अपने दोस्तों, फोन, आई-पैड, एक्स-बॉक्स और पार्टियों में व्यस्त हों, तो हमें अपने दादा-दादी के लिए भी कुछ समय अवश्य रखना चाहिए। उन्हीं की वजह से हम सबका बचपन बहुत अच्छा गुजरा है। यह उनके कारण है कि हमारे पास महान नैतिक मूल्य हैं। उन्होंने हमें बिना शर्त प्यार करना, धैर्य रखना, उठना और एक बार फिर कोशिश करना सिखाया है जब हमें लगा कि यह असंभव है।

हमारे दादा-दादी को प्यार के अलावा और कुछ नहीं चाहिए, और हमारा कम समय, कि हम अपनी उपलब्धियों को साझा करें, उन्हें यह सीखने में मदद मिल सकती है कि भजन को अपने सबसे अच्छे दोस्त को कैसे भेजें या YouTube पर एक फिल्म देखें। वे हमारी पीढ़ी के साथ पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। तो इन सबसे प्यारे, सबसे बुद्धिमान, थोड़े भुलक्कड़, आराध्य स्नेह से भरे लोगों के लिए मैं नमन करता हूं और कहता हूं, “आप मेरी सबसे कीमती संपत्ति हैं और आप मेरी आगे की पीढ़ियों के लिए भी वहां रहें और हो सकता है कि वे भी आज की तरह धन्य हों” .

दादा दादी भाषण – 2

आज उपस्थित सभी को सुप्रभात! हम सभी यहां बड़ों का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं जो कि किसी भी घर में सभी अच्छाई और सकारात्मकता की उपस्थिति है। दादा-दादी वास्तव में किसी भी परिवार में सबसे मजबूत बंधन प्रदान कर रहे हैं जो सदस्यों को विस्तारित सहित, एक साथ रखता है। छुट्टियों के दौरान चाचा, चाची और चचेरे भाइयों के साथ रहने का अवसर हर किसी के जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा होता है। यह विलासिता हमें अपने दादा-दादी के घर पर ही मिलती है। इसलिए मैं उन सभी दादा-दादी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने समय निकाला और अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और आज हमारे साथ अपने कीमती पलों को साझा करने के लिए यहां आए हैं!

जो अपने माता-पिता और दादा-दादी द्वारा पाला जाता है, वह दोगुना समृद्ध होता है, अनुभव से दोगुना, प्यार दोगुना, मज़ा दोगुना और मूल्यों और मार्गदर्शन से दोगुना होता है। दादा-दादी अपने सबसे प्यारे बच्चों के बच्चों में से सर्वश्रेष्ठ लाते हैं। अपने पोते-पोतियों के जीवन में उनकी उपस्थिति सूर्य की उपस्थिति के समान होती है। जिन बच्चों ने अपने दादा-दादी को नहीं देखा है, वे वास्तव में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

वे बहुत सारी अच्छाइयों और जमीन-जायदाद से वंचित रहते हैं जो उन्हें अन्यथा मिलती है। उनके पोते-पोतियों में जो मूल्य पैदा किए जाते हैं, वे कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें करने का उनके माता-पिता केवल सपना देख सकते हैं। माता-पिता, वैसे भी, अपने करियर में इतने व्यस्त हैं, हर चीज को सर्वश्रेष्ठ बनाने और जीवन स्तर को प्राप्त करने के लिए जो हमने हम सभी के लिए बहुत ऊंचा रखा है। ऐसा नहीं है कि यह बुरा है, लेकिन बस इतना है कि बच्चों के साथ समय बिताना जब उन्हें आपकी आवश्यकता हो; माता-पिता के लिए हर समय असंभव बना देता है।

लेकिन वास्तव में, भगवान का शुक्र है कि उसने दादा-दादी को बनाया! (हँसी) हाँ, क्या यह सच नहीं है? यह केवल इतना है कि जहां दादा-दादी हैं, माता-पिता अपने करियर के साथ जो करना चाहते हैं वह कर सकते हैं, और जानते हैं कि उनके पास खुशी के छोटे बंडलों के लिए उनके साथ यह बहुत विश्वसनीय बैक अप है। ऐसा नहीं है कि नानी या क्रेच की कमी है, लेकिन ये सपोर्ट मशीनें दादा-दादी की क्षमताओं के साथ मेल खाना शुरू भी नहीं कर सकती हैं।

मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं उनकी तुलना किसी भी तरह की मदद से कर रहा हूं। मैं केवल इतना कह रहा हूं कि ऐसे परिवार हैं जिनके लिए दादा-दादी का होना एक विलासिता है। हो सकता है कि उनके दादा-दादी अपने गृहनगर में रह रहे हों या सिर्फ इसलिए कि परिवार बेहतर अवसरों के लिए किसी विदेशी देश में चला गया हो और दादा-दादी ने ऐसा नहीं किया हो। मैं कहता हूं, ऐसे परिवार कम भाग्यशाली होते हैं।

जहां माता-पिता दोनों कमा रहे हैं, वहां पूर्णकालिक सहायता रखना एक आदर्श है, इसलिए दादा-दादी पर कोई शारीरिक दबाव नहीं होता है जो हर दिन बड़े और समझदार होते जा रहे हैं। इस तरह दादा-दादी की शारीरिक शक्ति पर कोई कर नहीं लगता और वे हमेशा उन छोटी आत्माओं के लिए होते हैं जिन्हें प्यार, पालन-पोषण और अच्छी तरह से देखभाल करने की आवश्यकता होती है। मेरे लिए मैं इसे दादा-दादी के लिए दूसरी पारी के रूप में देखता हूं। उन्होंने अपनी सभी सांसारिक जिम्मेदारियों को पूरा कर लिया है और जीवन उनसे जो मांग करता है, उसमें वे सहज हैं।

तो उनके तनाव का स्तर शून्य को छू रहा है, लगभग! अब माता-पिता के साथ इसकी तुलना करते हुए, मैं देखता हूं कि यह गतिविधि, जोश और घटनाओं से भरा जीवन है, इसलिए वे अपने बच्चों के साथ एक तरह से व्यवहार कर रहे होंगे, अपनी पसंद से नहीं, बल्कि उन परिस्थितियों के अनुसार जिनमें वे हैं। स्वाभाविक रूप से दादा-दादी बहुत बड़े मध्यस्थ होते हैं परिवार में। मैं दादा-दादी के बिना घर की कल्पना नहीं कर सकता। वैसे तो एकाकी परिवार बहुत बड़ी संख्या में हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि अगर उन्हें मौका दिया गया तो वे सभी अपने बड़ों के साथ रहना चाहेंगे या उन्हें अपने घरों के करीब रहना चाहेंगे।

यह बिना कहे चला जाता है कि जब हम उनकी अच्छी देखभाल करते हैं तो हम उन्हें कितना खुश करने वाले होते हैं। हमें उनके साथ समय बिताने का मौका मिलता है और बदले में हम बहुत कुछ सीखते हैं जो कोई हमें कभी नहीं सिखाएगा। और हम उनसे जितना प्यार, देखभाल और धैर्य अर्जित करेंगे, वह अथाह है। वे कहते हैं कि एक रिश्ता हमेशा दो तरह का होता है। एक हद तक यह सच है मैं कहता हूँ।

लेकिन जब बात पोते-पोतियों से प्यार करने की आती है, तो मैं कहता हूं कि दादा-दादी अपवाद करते हैं। उनका प्रेम बिना शर्त, बंधन रहित, शुद्ध, मांग रहित और सबसे बढ़कर रहस्यमय है। वे अपने बच्चों या छोटे-बड़े गुरुओं से बदले में कुछ भी उम्मीद नहीं करते हैं। वे अपनी कहानियों के साथ अंतहीन और अथक रूप से आगे बढ़ सकते हैं जो भानुमती के बक्से से निकलती प्रतीत होती हैं, छोटों को अतीत और अभी तक आगे से जोड़कर, उन्हें उनके भविष्य के लिए तैयार करती हैं। अपने दादा-दादी के लिए थोड़ा सम्मान, ढेर सारा प्यार और देखभाल स्वाभाविक रूप से पोते-पोतियों को सहजता से मिलती है।

मैं यह कहकर अपना भाषण समाप्त करना चाहूंगा कि जिस घर में बड़ों का सम्मान किया जाता है और उनकी अच्छी देखभाल की जाती है, वहां स्वयं भगवान रहते हैं। दादा-दादी जीवन के प्रेम चक्र को पूरा करते हैं। किसी ने एक बार कहा था, “वे माता-पिता के एक छोटे से, शिक्षक के एक छोटे से और दोस्त के एक छोटे से बिट हैं”।

धन्यवाद और आपका दिन प्यार, देखभाल और हंसी से भरा हो।

दादा दादी भाषण – 3

आज इस कमरे में उपस्थित सभी लोगों को सुप्रभात। हम सभी आज यहां ग्रैंड पेरेंट्स डे मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जिसे हम आम तौर पर अपने दादा-दादी के सम्मान के साथ मनाते हैं, उन्हें स्कूलों में लाते हैं, उन्हें विभिन्न प्रतिभाओं को दिखाते हैं जो हम उनके पोते के रूप में रखते हैं। हम उनके लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें बताते हैं कि उनकी उपस्थिति हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है।

आज मैं मंच पर यह कहने के लिए हूं कि मैं अपने बारे में कैसा महसूस करता हूं। अपने सभी दोस्तों का प्रतिनिधित्व करने और उनकी ओर से भी बोलने के लिए यहां आना सम्मान की बात है। मेरे कुछ दोस्त गा रहे हैं, कुछ नाच रहे हैं, कुछ कविताएँ पढ़ रहे हैं, जबकि कुछ स्कूल गाना बजानेवालों में हैं।

एक बात निश्चित है कि हम में से हर कोई अपने शिक्षकों, माता-पिता और दादा-दादी के प्रयासों के कारण है। मैं इस अवसर पर अपनी दादी और दादाजी को मेरे जीवन में मौजूद रहने और एक बेहतर इंसान बनने में मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मेरी जिंदगी का हर दिन बहुत खास हो जाता है। मैं आज यहां पूरे वर्ष के तीन पैंसठ दिनों में से एक दिन दादा-दादी दिवस मनाने के लिए आता हूं, लेकिन बाकी दिन वे ही हैं जो प्रत्येक दिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। हर दिन वे मुझे अपने विभिन्न तरीकों से विशेष महसूस कराते हैं।

हर दिन मैं अपने दादा या दादी से कुछ नया सीखता हूं। जब मैं अपनी दादी के पास जाता हूं, बहुत आसानी से, वह मुझे सिखाती है कि कपड़े कैसे मोड़ें और मेरे कमरे को साफ रखने में माँ की मदद करें। जूते के रैक में गंदे जूतों को बाहर रखने जैसी चीजें घर में धूल और कीटाणुओं को रोकने में मदद करती हैं, बस मेरे दादाजी द्वारा सिखाया जाता है जब हम अपने शाम के खेल से वापस आते हैं और अपने दोस्तों के साथ उनकी शाम की चिट-चैट करते हैं।

कुछ सप्ताहांतों में वह मुझे तार से प्लग को ठीक करना भी सिखाता है। बेशक इसके साथ ही मुझे सिखाया जाता है कि स्विचबोर्ड में तार को प्लग करने की कोशिश कभी न करें। सभी चीजों को सावधानी से हटा दिया जाता है और जहां से उन्हें लाया गया था वहां से चिपका दिया जाता है। मुझे उनसे यह सीखने को मिलता है कि जब भी आप किसी से मिलते हैं तो हमेशा विनम्र और विनम्र रहना महत्वपूर्ण है, भले ही इसका मतलब एक ही व्यक्ति को बार-बार बधाई देना हो।

जब आपके पास घर पर ऐसे रत्न हों, तो आप जानते हैं कि आप एक ऐसी जगह पर हैं जहां आप जानते हैं कि आप जो भी गलती करते हैं, आप उससे कुछ ज्यादा सीख रहे हैं। दादा-दादी बड़े दिल वाले लोग होते हैं, क्योंकि वे आपको उन्हें बनाने की अनुमति देते हैं! वे जानते हैं कि हम बच्चों के लिए अपनी गलतियों से सीखना महत्वपूर्ण है, इसलिए वे हमारे साथ सुपर धैर्यवान हैं। हालाँकि हमारे माता-पिता कभी-कभी हमारे साथ थोड़े जल्दी में होते हैं।

नहीं, मैं बिल्कुल भी शिकायत नहीं कर रहा हूं, क्योंकि मैं समझता हूं कि वे कितने व्यस्त हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि अपना समय बर्बाद न करें। वे काम कर रहे हैं और मेरे जैसे ही उन पर काम करने का अपना दबाव है! जब मेरी परीक्षा होती है, और मेरी गतिविधियों को भी आगे बढ़ाने की आवश्यकता होती है, तो मैं इधर-उधर भागता हूं और अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं, वैसे ही उन्हें काम पर भी अच्छे अंक चाहिए, वह, मेरी दादी ने मुझे बताया है।

तो कोई चिंता नहीं, मुझे पता है कि मैं अपने दादा-दादी के साथ सुपर स्लो और सुपर नॉटी हो सकता हूं! (वह वह वह) तो मैं वास्तव में उन्हें अपने दिल के मूल से धन्यवाद देता हूं, और मेरा हर छोटा कण पूरे समय मेरे साथ रहने के लिए मेरी दादी और दादाजी को तहे दिल से धन्यवाद देता है। मुझे सिखाने और मुझमें उन मूल्यों और नैतिकताओं को आत्मसात करने के लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं जो मुझे उनके जैसा बना देंगे, – सुपर कूल और सुपर कुशल।

मैं उनसे प्यार करता हूं और उनकी पूजा करता हूं क्योंकि वे किसी भी खतरे के खिलाफ मेरी सबसे मजबूत ढाल हैं जिनका मैं अन्यथा सामना कर सकता हूं। वे मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं, मैं उनके साथ कुछ भी और सब कुछ साझा कर सकता हूं, वे सबसे अच्छी सलाह लेकर आते हैं। और मैं उन्हें वहां रहने के लिए धन्यवाद देता हूं क्योंकि वे मेरे माता-पिता के माता-पिता हैं और वे भी उनके जैसे दिखते हैं, माता-पिता के दो समूह, अलग-अलग शरीर और आयु समूहों के साथ। क्या आप इसे मेरे जैसे बच्चों के लिए दुगनी सहूलियत नहीं कहेंगे?

दादा दादी भाषण – 4

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, माता-पिता, दादा-दादी और मेरे प्यारे दोस्तों,

आज हम सभी इस दिन एकत्रित हुए हैं और हम दादा-दादी दिवस के रूप में धूमधाम से मनाते हैं। इस संस्थान में पढ़ने वाले छोटे और छोटे बच्चों के सभी माता-पिता और दादा-दादी का स्वागत करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उनकी ओर से मैं आज यहां उपस्थित आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। चाहे मातृ हो या पैतृक, दादा-दादी की अपने पोते-पोतियों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दोनों परिवारों के माता-पिता समान रूप से पोषित और प्यार करते हैं और नन्हे-मुन्नों के साथ रहने के लिए तरसते हैं।

आज के इस युग में, दादा-दादी और उनके पोते-पोतियों के जीवन में उनकी भूमिका बदल गई है। आज की दादी एक बिजनेस वुमन से लेकर एक बेहतरीन डिज़ाइनर तक वर्किंग ग्रैंड मॉम हो सकती हैं। और ऐसा ही कोई दादा भी हो सकता है, जो अभी-अभी एक बहुत ही सक्रिय करियर से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह सेना का अधिकारी या किसी संगठन में प्रबंधक या केवल एक व्यवसायी हो सकता है। वे सभी आकारों, रंगों और आकारों में आते हैं! लेकिन एक चीज जो स्थिर है वह है वह प्यार जो वे महसूस करते हैं और अपने पोते-पोतियों पर बरसते हैं।

भव्य का अर्थ है बड़ा या महान। इसका अर्थ शानदार, प्रतिष्ठित और शानदार भी है। ये सभी विशेषण हैं जिनका मैं वर्णन करने के लिए उपयोग करूंगा। उनके अंदर यही है जो उन्हें हर बच्चे के लिए खास बनाता है। सड़क किनारे जूता बनाने वाला भी सबसे अच्छा दादा होगा। वह वह हो सकता है जिसने अपने पोते की पसंदीदा साइकिल या खिलौना खरीदने के लिए अपने दोपहर के भोजन से पैसे बचाए थे। अपने पोते के लिए, वह उनके सुपर हीरो हैं और उनकी सभी मांगों और सपनों को पूरा करेंगे।

और फिर वह समय आता है, जब बच्चे बड़े हो जाते हैं। वे अपने जीवन और करियर में शामिल होते हुए व्यस्त और व्यस्त होते जाते हैं और थोड़े दूर होते जाते हैं। दादा-दादी के लिए उनके पोते-पोते ही उनकी पूरी दुनिया हैं, जब उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश खुद की है। इस प्रकार दादा-दादी ने अपनी भूमिका दो बार अच्छी तरह से निभाई है! एक पारी अच्छी खेली और दूसरी पारी भी उतनी ही अच्छी खेली! उनके पास जबरदस्त धैर्य और प्रेमपूर्ण देखभाल की असीमित आपूर्ति है।

इन बड़े हो चुके बच्चों को अभी भी अपने दादा-दादी की उतनी ही जरूरत है, जितनी उन्हें बचपन में उनकी जरूरत थी। उनसे उन्हें जो अमूल्य सलाह मिलती है, अंतर्दृष्टि, उनकी प्रवृत्ति और निर्णय बेजोड़ हैं। जीवन के ताने-बाने में माता-पिता और दादा-दादी ताना और बाने हैं और बच्चे सुंदर रूप हैं। इसलिए यह हम में से प्रत्येक के लिए, हमारे परिवार के सदस्य के रूप में, एक-दूसरे का और हमारी ज़रूरतों, चाहे भावनात्मक हो या शारीरिक, का बहुत ध्यान रखना आवश्यक बनाता है।

मुझे यकीन है कि संयुक्त परिवार में एक साथ रहने वाले सभी परिवार ठीक यही करते हैं। मुझे उन संदेशों की याद आती है जो मुझे अपने व्हाट्सएप पर हर दिन प्राप्त होते हैं जो मुझे नैतिक मूल्य सिखाते हैं, मुझे सिखाते हैं कि मेरे दादा-दादी, वास्तव में, मेरे माता-पिता की अच्छी देखभाल करना कितना महत्वपूर्ण है। उन सभी को देखकर और पढ़कर मन उचट जाता है।

जब मैं अपने आस-पास देखता हूं तो मुझे यह देखकर खुशी होती है कि इतने सारे बच्चे ऐसा कर रहे हैं, जो अपने दादाजी को रेलवे की वेबसाइट पर इंटरनेट के माध्यम से टिकट बुक करना सिखाने के अपने छोटे-छोटे तरीकों में, या अपनी दादी को अपने अन्य पोते-पोतियों के साथ बातचीत करने का तरीका सिखाने के लिए करना पड़ता है। स्काइप, या अन्य वीडियो कॉल के माध्यम से बेटियाँ। यह बहुत प्यारा है कि वे कैसे सीखते हैं और अनुकूलित करते हैं जैसे हमारे छोटे प्यारे अब अपनी कक्षा में कर रहे हैं।

इसलिए दादा-दादी दिवस के इस अवसर पर, मुझे उन सभी दादा-दादी को देखकर खुशी हो रही है, जिन्होंने अपने नाती-पोतों के लिए समय निकाला और उनके साथ आए शो को देखने के लिए अपने शिक्षकों, माता-पिता और कुछ मामलों में उनकी मदद से आए। , दादा-दादी खुद। हम इस दिन को उस रिश्ते के महत्व को चिह्नित करने के लिए मनाते हैं जो हमारे द्वारा सिखाए गए छोटे सितारों के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अर्थ रखता है और एक सुंदर कल की तैयारी में मदद करता है।

यदि हम मूर्तिकार हैं, तो आप ही हमें वह सर्वोत्तम सामग्री प्रदान करते हैं जिसकी हमें आवश्यकता होती है। साथ में हम उन्हें एक मजबूत, अच्छी तरह से निर्मित, भगवान की रचना के अद्भुत टुकड़े के रूप में ढालते हैं, प्रत्येक के अपने सकारात्मक और नकारात्मक होते हैं। हम इंसान हैं – “गलती करना इंसान है और माफ़ करना भगवान है।” इसलिए हमारे सर्वोत्तम प्रयासों और इरादों के बावजूद, मेरे और आप सहित प्रत्येक व्यक्ति में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।

इस प्रकार केवल सकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मैं उन महान लोगों का ऋणी रहता हूँ जिनके बिना छोटे बच्चों का पालन-पोषण अधूरा होता। अपने दादा-दादी के जीवन का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद दादा-दादी और मुझे आशा है कि आपका बहुत पोषित समर्थन हमेशा एक प्रकाशस्तंभ की तरह आपके दादा-दादी का मार्गदर्शन करता रहेगा जो एक तूफानी रात में भी जहाज को अपना रास्ता दिखाता है। आपका मार्गदर्शन और प्यार उन्हें हर दिन मजबूत बनाता है। शुक्रिया!

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